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वसीम रिजवी का पीएम मोदी को पत्र, राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर दिया सुझाव

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने समझौते की पेशकश की है।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Nov 06, 2018

Wazim Rizvi

Wazim Rizvi

लखनऊ. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने समझौते की पेशकश की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए कहा है कि राम मंदिर की जगह पर राम मंदिर ही बनें वहीं बाबरी मस्जिद से बाबरी नाम हटाकर राजधानी लखनऊ में अमन की मस्जिद बनाई जाए, जिससे देश में अमन और शांति बनी रहे।

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कानून बनाकर हो राम मंदिर निर्माण-

रिजवी ने पत्र के माध्यम से पीएम मोदी से कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण शुरु कराने की मांग की है। उनका कहना है कि राम मंदिर निर्माण में कोई अड़चन ना हो तो वक्फ बोर्ड द्वारा राम मंदिर निर्माण के पक्षकारों से किये गये समझौते के आधार पर कानून बनाया जाए। वसीम रिजवी ने आगे कहा कि सच्चाई कड़वी होती है, लेकिन सच्चाई को कोई बदल नहीं सकता है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जिस बाबर ने साल 1528 में मंदिरों को तुड़वाकर बाबरी का निर्माण कराया, वो बाबरी एक कलंक था। उन्होंने आगे कहा कि जिस बाबरी को ढहे हुए वर्षों बीच चुके हैं, जिसके लिए खूब खून-खराबा हुआ, उसी बाबरी के लिए कुछ लोग फिर से उसी को मुद्दा बना रहे हैं।

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मंदिर व मस्जिद के लिए बात होनी चाहिए-

वसीम रिजवी ने कहा कि मंदिर और मस्जिद मुद्दे पर बात होनी चाहिए। वहीं इस मस्जिद को किसी राज या शासक के नाम पर रखने की जगह मस्जिद-ए-अमन नाम रखना चाहिए। रिजवी ने अपनी तरफ से समझौते की कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी है. रिजवी ने अयोध्या विवाद का समझौते का हल निकालने के लिए पिछले साल एक मसौदा तैयार किया था, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमा किया था। आपको बता दें कि समझौते में रिजवी ने साफ कहा है कि विवादित जमीन पर भगवान श्रीराम का मंदिर बने ताकि हिन्दू और मुसलमानों के बीच का विवाद हमेशा के लिए खत्म हो सके व देश में अमन कायम हो पाए।