Taj Mahal and Qutub Minar controversy: ताजमहल(tajmahal) व कुतुब मिनार(Qutub Minar) को लेकर देश में विवाद की स्थिति है। एक पक्ष जहां इन ऐतिहासिक इमारतों को हिन्दू देवी देवताओं के मंदिर बता रहा है वहीं दूसरा पक्ष इतिहास की किताबों का हवाला देते हुए मुगलकालीन इमारते करार दे रहा है। आज हम आपको दोनों इमारतों के बीच कनेक्शन व ताजमहल(tajmahal) से जुड़ी कुछ रोचक बाते बताने जा रहे हैं जो आपको रोमांचित करेंगी।
Taj Mahal and Qutub Minar controversy: इन दिनों आगरा का ताजमहल(Tajmahal) व दिल्ली का कुतुब मिनार(Qutub Minar) चर्चा में है। जहां इतिहास की किताबें इन इमारतों को मुगल कालीन बता रही हैं वहीं एक पक्ष का यह दावा है कि इमारते मुगल काल(mugal) से पहले की हैं और इनका सबंध हिन्दू धर्म से हैं। ताजमहल(Tajnahal) को तेजोमहालय(Tejomhalay) व कुतुब मिनार (Qutub Minar) को विष्णु मंदिर बताते हुए तर्क दिए जा रहे हैं। आज हम आपको ताजमहल(tajmahal) व कुतुब मिनार(Qutub Minar) के कनेक्शन सहित ताज महल से जुड़े कुछ खास बातों को बताने जा रहे हैं। जिनके बारे में शायद आपको पहले से न पता हो। ताज महल से जुड़ी तमाम ऐसी बाते हैं जो किताबों में नहीं मिलती है। आगरा में एक खास समुदाय के लोग रहते हैं जो खुद के ताजमहल(tajmhal) बनाने वाले कारीगरों का वंशज बताते है इनसे बातचीत में ताज को लेकर कई खुलाशे हो चुके हैं।
ये है ताज व कुतुब मिनार का कनेक्शन
भारत की इन दोनों इमारतों की अपनी खास पहचान है। कुतुब मिनार को सबसे ऊंची एतिहासिक इमारत के तौर पर जाना जाता है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि ताज महल की उचाई कुतुब मिनार की ऊंचाई से अधिक हैं। कई जानकारों का दावा है कि कुतुब मिनार की उचाई 72 मीटर है वहीं ताजमहल के गुंबर दी ऊंचाई 73 मीटर है। इस हिसाब से ताज महल कुतुब मिनार से ऊंचा है।
आपको नहीं पता होंगे ताज के ये राज
ताज महल को लेकर भले ही इन दिनों चर्चाएं तेज हो रही हो लेकिन ताज से जुड़ी हुई तमाम ऐसी बाते हैं जो आपको पता नहीं होगी। आज हम आपको ताज से जुड़ी हुई कुछ ऐसी ही बाते बताने जा रहे हैं जो आपको रोमांचित करेंगी।
- ताजमहल मुमताज की पहली कब्र नहीं है इससे पहले मुमताज को महबाब बाग में खास लेप लगा कर कई वर्षों तक दफनाया गया था। महताब बाग भी मुमताज की पहली कब्र नहीं है। मुमताज को सबसे पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दफनाया गया था। मुमताल को ताजमहल में दफनाने के लिए शाहजहां को कई वर्षों का इंतजार करना पड़ा था।
- विश्व के आठ आजूबों में शामिल ताज जैसी इमारत को बनाने के लिए कई देश व राजाओं ने कोशिश की लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी दूसरा ताज नहीं बन सका।
- दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ताज के गुंबर को सुरक्षित रखन के लिए बांस का सहारा लिया गया था। गुंबद के चारों से बांस लगा के गुंबद को ढ़क दिया गया था जिससे ताज पर हवाई हमला न हो सके।
- कहा जाता है कि शाहजहां ताज के ठीक सामने नदी के पार एक काला ताजमहल बनाना चाहते थे लिए शाहजहां ऐसा कर पाते इससे पहले ही उनके खुद के बेटे के उन्हे कैद में डाल दिया था।