
भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय चुनाव समिति ने रविवार को आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए 14 उम्मीदवारों की घोषणा की है। इनमें 7 उम्मीदवार यूपी से हैं। इन उम्मीदवारों में सवर्ण, ओबीसी और महिला चेहरा तो हैं लेकन एक भी दलित चेहरा नहीं हैं। इनमें चार ओबीसी, 2 सवर्ण समाज और 1 जैन समुदाय से ताल्कुक रखते हैं।
यूपी से राज्यसभा के उम्मीदवारों का चयन करने में बीजेपी ने पिछड़ी जातियों को विशेष तरजीह दी है। इससे लगता है कि बीजेपी ने सारे समीकरण को देखते हुए उम्मीदवारों की घोषणा की है। ऐसे में समाजवादी पार्टी के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की काट के रूप में भी देखा जा रहा है।
राहुल गांधी के बिग्रेड में शामिल थे आरपीएन सिंह
राहुल गांधी के कभी खास रहे आरपीएन सिंह का नाम इस लिस्ट में पहले नंबर पर आता है। आरपीएन सिंह 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद से कहा जा रहा था बीजेपी आरपीएन सिंह को कुशीनगर लोकसभा का चुनाव लड़ाएंगी लेकिन पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है। आरपीएन सिंह राजघराने से आते हैं और इलाके में राजा साहब के नाम से जाने जाते हैं। आरपीएन सिंह सैंथवारवार कुर्मी बिरादरी आते हैं, जिनकी संख्या पूर्वांचल में, खासकर गोरखपुर, महाराजगंज और देवरिया जैसे जिलों में बड़ी तादाद में हैं।
दूसरी बार राज्यसभा जाएंगे सुधांशु त्रिवेदी
दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी हैं। सुधांशु टीवी डिबेट के दौरान पार्टी की बात विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से रखने के लिए मशहूर हैं। सुधांशु त्रिवेदी सुधांशु त्रिवेदी ब्राह्मण हैं और बीजेपी के ऐसे प्रवक्ता हैं, जो अपनी बात से विपक्षी दलों के नेता को चुप करा देते हैं। इससे उनकी अक्सर खूब चर्चा होती है। उनकी पहचान एक विश्लेषक, विचारक और राजनीतिक सलाहकार के तौर पर की जाती है। अक्टूबर 2019 में सुधांशु त्रिवेदी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। सुधांशु त्रिवेदी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है। अब बीजेपी उन्हें दोबारा राज्यसभा भेज रही है।
स्वामी प्रसाद के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं अमरपाल
अमरपाल मौर्य संगठन के नेता हैं। वह RSS के पूर्व प्रचारक रहें हैं और दूसरी बार यूपी के भाजपा महामंत्री हैं। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अमरपाल मौर्य को राज्यसभा भेज रही है। अमरपाल मौर्य बिरादरी से आते हैं। केशव मौर्य के बेहद गरीबी माने जाते हैं। इसके पहले वह स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में ऊंचाहार से अमरपाल मौर्य सपा के मनोज पांडेय से चुनाव हार गए थे।
3 बार लोकसभा सांसद रहे चौधरी तेजवीर सिंह
चौधरी तेजवीर सिंह 3 बार के भाजपा के सांसद रह चुके हैं। वह मथुरा से आते हैं और जाट बिरादरी के प्रमुख चेहरा हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी ने इस बार राज्यसभा के लिए चौधरी तेजवीर सिंह के नाम पर मुहर लगाई है। तेजवीर सिंह 1996, 1998, 1999 में लगातार तीन बार सांसद रहे हैं और अपने क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ रही है।
आगरा के मेयर रहे हैं नवीन जैन
नवीन जैन आगरा से मेयर रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी के पूर्व कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह एक बडी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक कह जाते हैं। वह जैन समुदाय से आते हैं।
पूर्व विधायक साधना सिंह को बीजेपी भेज रही राज्यसभा
चंदौली जिले की मुगलसराय विधान सभा क्षेत्र से साल 2017 में बीजेपी से विधायक रह चुकीं साधना सिंह अब राज्य सभा जाएंगी। साधना सिंह ठाकुर समाज से आती हैं। साधना सिंह ने साल 2017 विधानसभा चुनाव में मुगलसराय विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बाबूलाल यादव को हराकर जीत हासिल की थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने साधना सिंह को टिकट नहीं दिया था, बल्कि उनके स्थान पर मुगलसराय विधानसभा से रमेश जायसवाल को टिकट दिया गया था। इसके बाद भी साधना सिंह पार्टी और संगठन के लिए निरंतर काम कर रही थी। साधना सिंह को तेज तर्रार महिला नेताओं में शुमार किया जाता है।
विधानसभा चुनाव हार गई थी संगीता बलवंत
संगीता बलवंत गाजीपुर शहर से विधायक रह चुकी हैं। वह बिंद मल्लाह बिरादरी से आती हैं। संगीता बलवंत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पिछली सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री थीं और 2022 के विधानसभा चुनाव में वह गाजीपुर सदर सीट से 1600 मतों से हार गई थीं। लेकिन बीजेपी ने पूर्वांचल में बिंद-निषाद और मल्लाह बिरादरी को देखते हुए संगीत बलवंत को राज्यसभा भेज रही है। संगीता बलवंत जम्मू- कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिंहा के करीबी बताई जा रही हैं।
Updated on:
12 Feb 2024 10:46 am
Published on:
12 Feb 2024 10:15 am
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