
जानें क्यों नहीं हो पाई अटल बिहारी वाजपेयी की शादी, पढ़ाई के दौरान हुआ था प्यार
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से कौन परिचित नहीं है। तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय लिया था और अपने अंतिम समय तक इसका निर्वहन किया। बेशक अटल बिहारी वाजपेयी जी कुंवारे थे पर उनकी ज़िदगी में भी एक महिला थी। जिन्हें राजकुमारी कौल के नाम से जाना जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन में उनका खास स्थान था। और यह बात कोई छुपी हुई नहीं है। दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे पर इसके बावजूद उनकी शादी नहीं हो सकी। पत्रकार सागरिका घोष ने अपनी किताब में इस बारे में लिखा है।
राजकुमारी हक्सर की आंखें थी कमाल
मशहूर पत्रकार सागरिका घोष ने अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी लिखी है। जो हाल ही में प्रकाशित हुई है। राजकुमारी कौल के लगाव को अटल बिहारी वाजपेयी ने बेहद बेबाकी से स्वीकारा था। सागरिका घोष बताती हैं, ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज) में पढ़ाई के वक्त वाजपेयी की मुलाक़ात राजकुमारी हक्सर से हुई, जिनकी तरफ़ वो खिंचे चले गए। उस ज़माने में दोनों का व्यक्तित्व प्रभावित करने वाला हुआ करता था। राजकुमारी हक्सर बेहद सुंदर थीं, ख़ासतौर से उनकी आंखें। उन दिनों बहुत कम लड़कियां कॉलेज में पढ़ा करती थीं। वाजपेयी उनकी तरफ़ आकर्षित हो गए राजकुमारी भी उन्हें पसंद करने लगीं।
पर शादी न हो सकी
एक वेबसाइट के अनुसार सागरिका घोष बताती हैं, पहले उनकी दोस्ती राजकुमारी के भाई चांद हक्सर से हुई थी। जब बात आगे बढ़ी तो राजकुमारी के परिवार ने वाजपेयी को अपनी बेटी के लायक नहीं समझा। और राजकुमारी हक्सर की शादी दिल्ली के रामजस कॉलेज में दर्शन शास्त्र पढ़ाने वाले ब्रज नारायण कौल से कर दी गई। वाजपेयी के सबसे क़रीबी दोस्त अप्पा घटाटे ने सागरिका घोष को बताया था कि मुझे नहीं मालूम कि उनके संबंध प्लेटोनिक थे या नहीं और वास्तव में इससे कोई फ़र्क भी नहीं पड़ता।
दोनों की मृत्यु के साथ कहानी हो गई खत्म
अपनी किताब में सागरिका घोष ने जिक्र किया है कि, कहानी मशहूर है कि साठ के दशक में मिसेज़ कौल अपने पति को तलाक देकर वाजपेयी से शादी करना चाहती थीं, पर पार्टी और आरएसएस का मानना था कि अगर वाजपेयी ऐसा करते हैं तो इसका उनके राजनीतिक करियर पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। वाजपेयी ने ताउम्र शादी नहीं की लेकिन मिसेज़ कौल उनकी निजी ज़िदगी का एक अहम हिस्सा बनीं रहीं। एक कार्यक्रम में वाजपेयी ने स्वीकार किया था, मैं कुंवारा हूं ब्रह्मचारी नहीं। वर्ष 2014 में राजकुमारी कौल का 86 वर्ष की आयु में निधन हुआ और अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को निधन हुआ था।
सिर्फ़ एहसास है...
इस कहानी के लिए गुलजार की लिखी ये लाइन अधिक सटीक हैं। सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो, प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो।
Published on:
19 Feb 2022 02:02 pm
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