
File Photo of Akhilesh Yadav During Eid Milan
दिनेश मिश्र
यूपी में इन दिनों मुस्लिम राजनीति की चर्चा है। समाजवादी पार्टी को मुस्लिमों का सबसे बड़ा पैरोकार माना जाता है। सपा के 111 विधायकों में 36 मुस्लिम इस बार विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बनें हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वे समाजवादी पार्टी से नाराज हैं। उनकी तल्खी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के प्रति भी बढ़ी है। यही वजह है कि जेल में बंद सपा विधायक आजम खान के बाद अब बरेली से सपा विधायक शहजिल इस्लाम ने भी सपा प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है। सपा नेता इन दोनों विधायकों के कथित उत्पीडऩ के बाद इनसे मिलने गए थे।
अखिलेश की खामोशी पड़ रही है भारी
मुस्लिम विधायकों को आरोप है कि भाजपा सरकार द्वारा मुस्लिमों के प्रति की जा रही कथित ज्यादतियों के खिलाफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खामोश हैं। यही वजह है कि मुसलमानों का सपा से मोह भंग हो रहा है। इन दो मुस्लिम विधायकों के बाद अब इत्तेहाद ए मिल्लत ने भी सपा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। इस्लामिक संगठन ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम ने भी अखिलेश यादव को मुसलमानों से नफरत करने वाला बताया है।
अब नहीं मुलायम वाली सपा
सपा में आजम खान, शफीकुर्रहमान बर्क, इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल शहजील इस्लाम जैसे मुस्लिम नेताओं का कहना है कि अखिलेश की सपा मुलायम की सपा से बिल्कुल जुदा है। इसीलिए सुन्नी मुसलमानों के धार्मिक संगठन के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा है कि अब मुसलमानों को दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने भी कहा कि मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की सपा में काफी फर्क है। अखिलेश यादव को दाढ़ी और टोपी वाले मुसलमानों से न सिर्फ परहेज है, बल्कि उन्हें नफरत भी है। जबकि मुलायम के काल में मुस्लिमों से प्यार का यह आलम था कि मुलायम को मुल्ला मुलायम की उपाधि मिली थी।
मुसलमानों की नाराजगी के कारण
मुसलमानों की सपा से नाराजगी का प्रमुख कारण कई महीनों से जेल में बंद आजम खान और उनके परिवार से अब तक अखिलेश की मुलाकात न होना है। यही नहीं इस संबंध में अखिलेश की तरफ से कोई बयान भी नहीं आया। इसके अलावा ट्रिपल तलाक, सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर भी अखिलेश खुलकर नहीं बोल रहे। उनके बयान सिर्फ ट्वीट तक ही सीमित हैं।
ईदगाह पहुंचकर संदेश देने की कोशिश
समाजवादी पार्टी से मुस्लिम नेताओं की बढ़ती दूरियों के बीच अखिलेश यादव लंबे समय बाद बीते दिनों इफ्तार पार्टी में लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह स्थल पहुंचे। इसके साथ ही उन्होंने सुन्नी संगठन और नदवा से जुड़े मुस्लिम नेताओं से भी बात की।
Updated on:
27 Apr 2022 06:22 pm
Published on:
27 Apr 2022 06:20 pm
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