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Asp Wife Suicide: CBCID अधिकारी की पत्नी ने लगाई फांसी, मायके वालों ने ASP पर लगाया इल्जाम

Wife of CBCID ASP Found Dead by Suicide in Lucknow:  लखनऊ की रिजर्व पुलिस लाइन स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में तैनात CBCID के ASP मुकेश प्रताप सिंह की पत्नी नीतेश सिंह (38) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका के मायके पक्ष ने ASP पर प्रताड़ना और दूसरी महिला से संबंध होने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jul 31, 2025

CBCID Officer Wife Death फोटो सोर्स : Patrika

CBCID Officer Wife Death फोटो सोर्स : Patrika

Asp Wife Suicide Follow up: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां सीबीसीआईडी (CBCID) में तैनात एडिशनल एसपी (Additional SP) मुकेश प्रताप सिंह की पत्नी नीतेश सिंह (38 वर्ष) ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना महानगर थाना क्षेत्र स्थित रिजर्व पुलिस लाइन के ट्रांजिट हॉस्टल की है।

आत्महत्या या प्रताड़ना का मामला

नीतेश सिंह की मौत को लेकर मामला अब संदिग्ध होता जा रहा है, क्योंकि मृतका के परिवार ने सीधे तौर पर एएसपी मुकेश प्रताप सिंह पर प्रताड़ना और विवाहेतर संबंध का आरोप लगाया है। मृतका के भाई प्रमोद कुमार सिंह, जो फिरोजाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं, ने दावा किया कि मुकेश प्रताप सिंह का दूसरी महिला से संबंध था और इसी कारण वे लगातार अपनी पत्नी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।

घटनास्थल की स्थिति

बुधवार शाम को बेटी अनन्या ने अपनी मां को पंखे से लटका देखा, जिसके बाद परिवार में हड़कंप मच गया। पुलिस को तुरंत सूचना दी गई और इंस्पेक्टर महानगर अखिलेश मिश्रा की अगुवाई में टीम मौके पर पहुंची। कमरे में नीतेश का शव दुपट्टे से लटका हुआ मिला।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

नीतेश सिंह मूल रूप से फिरोजाबाद जिले के नगला करण गांव की रहने वाली थीं। उनके पिता राकेश प्रताप सिंह वर्ष 2007 से 2017 तक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े हुए हैं। मृतका के दो जुड़वां बेटे और एक बेटी है, जिनमें एक बेटा मात्र डेढ़ वर्ष का है।

एएसपी मुकेश प्रताप की भूमिका संदिग्ध

मृतका के भाई प्रमोद सिंह का कहना है कि बुधवार सुबह भी पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर काफी तनाव हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश प्रताप का अपने विभाग की ही किसी महिला अधिकारी से संबंध था, जिसकी जानकारी नीतेश को हो गई थी। इसके बाद उनके बीच लगातार झगड़े होने लगे थे।

पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और बताया है कि रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी संवेदनशीलता से जांच कर रहे हैं, क्योंकि मामला एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से जुड़ा है।

सामाजिक पहलू और सवाल

इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उच्च पदों पर बैठे अधिकारी भी घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना के दोषी हो सकते हैं? जब एक पुलिस अधिकारी की पत्नी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाई, तो आम महिलाओं की स्थिति का अंदाज़ा लगाना कठिन नहीं है।

बच्चों का भविष्य अधर में

सबसे दुखद पहलू यह है कि मृतका के तीन छोटे बच्चे अब अनाथ हो गए हैं। इन बच्चों की देखभाल कौन करेगा? क्या वे मानसिक रूप से इस सदमे से उबर पाएंगे? इस सवाल का जवाब सिर्फ कानून नहीं, समाज को भी देना होगा।

राजनीतिक हलकों में हलचल

चूंकि मृतका का परिवार राजनीतिक रूप से प्रभावशाली है, इसलिए यह मामला तूल पकड़ सकता है। पूर्व विधायक और वर्तमान भाजपा नेता राकेश प्रताप सिंह ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी एक पढ़ी-लिखी और सुसंस्कृत महिला थी, वह कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकती। यह एक सुनियोजित हत्या है, जिसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है।