महिला के समाधि लेने की जानकारी तेजी से इलाके में फैली तो पुलिस और प्रशासन की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। महिला ने अपनी जमीन की पैमाइश और अपनी जमीन कब्जा मुक्त करने पर ही समाधि से बाहर आने की शर्त रख दी। जमीन की पैमाइश शुरू होने के दो घंटे बाद पुलिस ने महिला को गड्डे से बाहर निकाला।
महिला का आरोप पुलिस नहीं करती कोई कार्रवाई जानकारी के अनुसार, बाईपुर निवासी प्रेमलता की गांव में आधा बीघा से ज्यादा जमीन है। समीप से एक रोड निकलता है। तहसील सदर की टीम ने पिछले दिनों रोड को खाली कराया था। प्रेमलता का आरोप है कि उसकी जमीन पर कुछ लोग कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी शिकायत पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से कई बार की जा चुकी है लेकिन अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
शुक्रवार दोपहर प्रेमलता ने खेत में गड्ढा खुदवाया और खुद उसमें जाकर बैठ गई। गर्दन तक मिट्टी से गड्ढे को भर दिया गया। प्रेमलता का कहना था कि उसकी जमीन कब्जाने वाले भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई होने तक वह अन्न-जल ग्रहण नहीं करेगी और यहीं प्राण त्याग देगी। इन माफियाओं को लेखपाल और कानूनगो का भी संरक्षण है। इन्होंने ही उसकी जमीन पर माफियाओं का कब्जा कर दिया है। उसने मरते दम तक समाधि से नहीं निकलने का ऐलान कर दिया और कहा कि मेरे मरने के बाद मेरी बच्चों को भी इसी में दफना देना।
पैमाइश शुरू होने के बाद बाहर निकली महिला प्रेमलता के परिवार के सदस्य भी मौके पर पहुंच कर हंगामा करने लगे। सूचना पाकर सिकंदरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने महिला को समझाने का प्रयास किया, लेकिन महिला अपनी बात पर अड़ी रही।प्रेमलता का कहना था कि जब तक जमीन की पैमाइश पूरी नहीं होगी। वह गड्ढे से बाहर नहीं निकलेगी। पुलिस ने तहसील सदर के उच्च अधिकारियों से बात की और तहसील सदर की राजस्व की टीम गठित कर प्रेमलता की जमीन की पैमाइश शुरू हो गई। तब जाकर महिला ने गड्ढे से बाहर निकलने की हामी भरी। पुलिस ने दो घंटे की मशक्कत के बाद महिला को गड्ढे से बाहर निकाला।