
तम्बाकू के इस्तेमाल से 10 साल कम हो जाती है उम्र, हर साल देश में 10 लाख लोगों की हो जाती है मौत
लखनऊ. किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सेल्बी हाॅल में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नईक ने कहा कि विश्व तम्बाकू निषेध का विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषणा किए हुए 31 वर्ष गुजर चुका है। हर साल 10 लाख लोग तम्बाकू जनित रोगो से प्रभावित होकर सम्पूर्ण भारत में काल के गाल में समा जाता है। ये इतनी बड़ी संख्या है कि बड़े-बड़े युद्ध में भी इतने लोग नही मरते है जितना तम्बाकू की सेवन की वजह से मृत्यु को प्राप्त हो रहे है। तम्बाकू का सेवन करने से लोगो को कैसे रोका जाए, इसके लिए कानून बनाया जा सकता है किन्तु जब तक लोगो में इसके प्रति जागरूकता नही बढ़ेगी तब तक इसको पूरी तरह रोका नही जा सकता है। कुछ लोग यह भी कहते है कि कैंसर तम्बाकू के अलावा अन्य कारणो से भी होता है। तम्बाकू का सेवन केवल कम पढ़े-लिखे लोग ही नही बल्कि समाज के शिक्षित और सम्मानित लोगो द्वारा भी किया जाता है। बहुत से ऐसे चिकित्सक भी है जो तम्बाकू का सेवन करते है। इस लिए जब तक जन समुदाय के बीच तम्बाकू के निषेध के लिए मन नही बनेगा तब तक इसका निषेध नही हो सकता है।
तम्बाकू से 65 तरह की बीमारियां
कार्यक्रम में कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने कहा कि विश्व में 60 लाख लोग एवं भारत में 10 लाख लोग परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से तम्बाकू की वजह से मृत्यु को प्राप्त होते है। तम्बाकू व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हुए समाज की उपादेयता को खत्म कर देता है। एक तिहाई कैंसर का कारण तम्बाकू है। हृदय सम्बंधि 20 प्रतिशत बीमारी तम्बाकू की वजह से होती है। इस प्रकार कुल 65 प्रकार की बीमारियां तम्बाकू की वजह से होती है। तम्बाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति की औषत आयु 10 वर्ष कम हो जाती है। तम्बाकू निषेध की दिशा में जितना कार्य किया जा रहा है वो पर्याप्त नही है, समाज के लोगो को इसके लिए आगे आना होगा। प्रो रमा कांत ने कहा कि तम्बाकू से एक भावनात्मक पहलू भी जुड़ा हुआ है। आज लोगो को अपने समाज, अपने परिवार से सम्पूर्ण प्रेम का न प्राप्त हो पाना भी तम्बाकू के प्रति नवयुवको को ढकेलता है।
तम्बाकू को प्रतिबंधित करने की जरूरत
कार्यक्रम में प्रो सूर्य कांत ने कहा कि जब से तम्बाकू एक कमाऊ पूत हो गया है तब से ये हटने का नाम नही ले रहा है। जहांगीर ने जब से तम्बाकू पर टैक्स लगाया था और तब से आज तक हिन्दुस्तान में भी तम्बाकू से होने वाले आय की वजह से सरकारे इस पर प्रतिबंध नही लगाती है। तम्बाकू से करीब 2.50 करोड़ लोगो को रोजगार मिलता है। यह भी एक वजह है इसको प्रतिबंधित नही किया जा रहा है। तम्बाकू से जितना सरकार को रेवेन्यू मिलता है उससे कही ज्यादा तम्बाकू जन्य बीमारियों पर रेवेन्यू खर्च करना पड़ता है।
तम्बाकू जनित बीमारियों पर 27 हज़ार करोड़ का खर्च
मंच संचालन करते हुए प्रो विनोद जैन ने कहा कि 1988 से विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मानाया जा रहा है। तम्बाकू से करीब 3300 मौते प्रत्येक दिन होती है। इससे करीब 24000 करोड़ रूपये का आय होता है किन्तु इससे जनित बीमारियों पर 27000 करोड़ रूपये खर्च करने पड़ते है। कार्यक्रम में तम्बाकू के प्रति समाज को जागरूकत करने के लिए कुछ लोगो को सम्मनित भी किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा प्रो सूर्यकांत विभागाध्यक्ष रेस्पिरेटरी विभाग द्वारा तम्बाकू को प्रतिबंधित करने के लिए जो पत्र प्रधान मंत्री को लिखा गया है, उसको प्रधान मंत्री तक अपने लेटर के माध्यम से भेजने की घोषणा भी की गई। इस अवसर पर डाॅ एके त्रिपाठी विभागाध्यक्ष क्लीनिकल हिमैटालजी विभाग के शोध, परिकल्पना पर आधारित लघु फिल्म संवरती जिन्दगी का विमोचन राज्यपाल ने किया। यह लघु फिल्म एनीमिया रोग के बारे में रूचिकर तथा सरल रूप से दर्शको को जागरूक करती है।
Published on:
31 May 2018 04:36 pm
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