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शराब से योगी सरकार ने की रिकॉर्ड तोड़ कमाई, मिला 36 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व

आबकारी विभाग के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की दुकानों पर लगे लाइसेंस शुल्क (नई आबकारी नीति में लाइसेंस शुल्क पर बढ़ोत्तरी) और आबकारी कर से कुल 36,208.44 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जो कि पहले 30,061.44 करोड़ रुपये था।

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Yogi Government Liquor Revenue Received more Than 36 Thousand Crores

Yogi Government Liquor Revenue Received more Than 36 Thousand Crores

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शराब से रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है। शराब की हर दुकान से राज्य सरकार ने सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व हासिल किया है। आबकारी विभाग के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की दुकानों पर लगे लाइसेंस शुल्क (नई आबकारी नीति में लाइसेंस शुल्क पर बढ़ोत्तरी) और आबकारी कर से कुल 36,208.44 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जो कि पहले 30,061.44 करोड़ रुपये था। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और आबकारी आयुक्त सेंथिल पंडियन ने जारी आंकड़ों को पारदर्शी नीति और लगातार निगरानी का परिणाम बताया है। बता दें कि इससे पहले मार्च 2021 में भी शराब की कीमतों में वृद्धि की गई थी। मगर, तब कोविड सेस लगाया था जिससे कि 40 रुपये तक की वृद्धि की गई थी।

चार साल में 2,076 नई दुकानों को लाइसेंस

उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग के अनुसार, प्रदेश सरकार ने अपने पहले शासन के चार साल के दौरान वित्त वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच शराब की 2,076 नई दुकानों को लाइसेंस देने का निर्णय किया था। ये लाइसेंस चार अलग-अलग तरह की खुदरा दुकानों के लिए दी गई थी। देसी शराब, विदेशी शराब, बीयर शॉप और मॉडल शॉप के लिए ये लाइसेंस दिए गए थे।

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अखिलेश सरकार में हुआ था 24,943 करोड़ रुपये का राजस्व

इसके पहले की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार के पांच साल की अवधि के दौरान प्रदेश में शराब की 2,566 नई दुकानों को लाइसेंस मिला था। इस दौरान राज्य सरकार का राजस्व 22,377 करोड़ रुपये से बढ़कर 24,943 करोड़ रुपये हो गया था। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती की सरकार में 3,621 नई शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया गया था। इस दौरान राज्य सरकार का राजस्व 106 फीसदी बढ़ गया था। राज्य सरकार का राजस्व 3,948 करोड़ से बढ़कर 8,133 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।