
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में क्यों हैं इतनी अहमियत फोटो सोर्स : Social Media
Yogi Govt Seeks Extension for Top Bureaucrat Manoj Kumar Singh: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह 31 जुलाई 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खबर है कि योगी सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर सिंह को एक साल का सेवा विस्तार देने की सिफारिश की है। हालांकि अंतिम निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया जाएगा, जिसकी तस्वीर 30 जुलाई तक साफ होने की संभावना है।
मुख्य सचिव जैसे सर्वोच्च प्रशासनिक पद पर किसी अधिकारी को सेवा विस्तार मिलना सामान्य बात नहीं होती, लेकिन मनोज कुमार सिंह इस पद पर केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद सलाहकार और "टीम योगी" के सबसे मजबूत स्तंभ बन चुके हैं।
मनोज कुमार सिंह 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने प्रशासनिक सेवा के अपने तीन दशक लंबे करियर में कृषि, सिंचाई, पंचायती राज, नगर विकास और औद्योगिक विकास जैसे कई अहम विभागों में जिम्मेदारी निभाई है। अपनी कार्यकुशलता, साफ छवि, नीति क्रियान्वयन में दक्षता और निर्णय क्षमता के लिए वह प्रशासनिक हलकों में खास पहचान रखते हैं।
उनका कार्यकाल खासतौर से योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद और अधिक प्रभावशाली रहा है। उन्हें मुख्यमंत्री के साथ काम करने वाले उन चुनिंदा अधिकारियों में शामिल किया गया जिन्हें "टीम योगी" कहा जाता है। इस टीम में उन अफसरों को जगह दी गई जो नीतिगत निर्णयों को तेज़ी से लागू कर सकें, जवाबदेह हों और पूरी ईमानदारी से सरकार के विजन को ज़मीन पर उतार सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद नौकरशाही में जो बदलाव किए, उनमें मनोज कुमार सिंह को अहम स्थान मिला। उन्हें उस समय से लेकर अब तक कई प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी दी जाती रही। उनकी नियुक्ति और बनी हुई स्थिति से यह स्पष्ट है कि सीएम उन्हें पूर्ण विश्वास के साथ देखते हैं।
मनोज कुमार सिंह ने स्मार्ट सिटी, जल जीवन मिशन, शहरी आवास और अमृत योजनाओं को जिस तीव्रता से लागू किया, वह एक मिसाल बनी। सरकार की छवि को ज़मीनी स्तर पर मजबूत करने में इन योजनाओं का बड़ा योगदान रहा और इसका श्रेय मुख्य सचिव की अगुवाई में काम कर रही टीम को दिया गया।
2023 में पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर उन्होंने स्वयं जांच का नेतृत्व किया और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की। परिणामस्वरूप कई वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया गया। इससे न केवल उनकी कार्यशैली की गंभीरता जाहिर होती है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह कानून और नियमों को सर्वोपरि मानते हैं।
उत्तर प्रदेश में हुए निवेश सम्मेलनों और औद्योगिक विकास के पीछे प्रशासनिक स्तर पर मनोज कुमार सिंह की रणनीति और कार्यान्वयन का बड़ा हाथ रहा है। बड़े निवेशकों को आकर्षित करने, एमओयू को धरातल पर उतारने और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को संगठित करने में उनकी भूमिका को सरकार और व्यापारी वर्ग दोनों ने सराहा है।
चाहे कोविड-19 की चुनौती हो या लोकसभा चुनाव 2024 के बाद का राजनीतिक परिदृश्य, मनोज कुमार सिंह ने हर बार सरकार की नीति और रणनीति को मजबूती से लागू किया। खासकर लोकसभा चुनावों में अपेक्षित प्रदर्शन न मिलने के बाद जब सरकार की नीतियों पर सवाल उठ रहे थे, उस समय भी प्रशासनिक स्तर पर सिंह की सक्रियता और नेतृत्व ने मुख्यमंत्री का विश्वास बनाए रखा।
सेवा विस्तार के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को औपचारिक पत्र भेजा है। अब यह केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और कैबिनेट की मंजूरी पर निर्भर करता है कि उन्हें एक साल का सेवा विस्तार मिलता है या नहीं। यदि यह स्वीकृति मिलती है, तो सिंह 2026 तक इस पद पर बने रह सकते हैं।
प्रशासनिक हलकों में यह लगभग तय माना जा रहा है कि केंद्र सरकार सेवा विस्तार को मंजूरी दे सकती है, क्योंकि सिंह का ट्रैक रिकॉर्ड साफ-सुथरा है और उनका नाम किसी विवाद से नहीं जुड़ा है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय भी काफी अच्छा रहा है।
Published on:
17 Jul 2025 01:05 pm
