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‘आप’ इफेक्ट! अब सभी प्राइमरी स्कूलों का होगा कायाकल्प

यूपी के सभी प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों में टाइल्स, पीने का पानी, शौचालय, किचेन, ब्लैक बोर्ड और टेबिल की होगी व्यवस्था

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Dec 30, 2020

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योगी सरकार ने अब प्रदेश के सभी प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों को कायाकल्प करने की योजना बनाई है

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की 'हकीकत' पर आम आदमी पार्टी योगी आदित्यनाथ सरकार को लगातार घेर रही है। बीते दिनों दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया खुद लखनऊ आये और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को खुली बहस की चुनौती दी। इतना ही नहीं 'आप' के यूपी प्रभारी संजय सिंह की अगुआई में पार्टी ने 'सेल्फी विद सरकारी स्कूल' अभियान शुरू किया है, जिसके तहत पार्टी के नेता व कार्यकर्ता यूपी के सरकारी स्कूलों में जा-जाकर सेल्फी ले रहे हैं और स्कूलों की हालत बयां कर रहे हैं। यूपी के सरकारी स्कूलों की 'दशा' पर संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने अब प्रदेश के सभी प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों को कायाकल्प करने की योजना बनाई है।

उत्तर प्रदेश के सभी प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों को कायाकल्प योजना से जोड़ने की तैयारी है। इस योजना के तहत सभी स्कूलों में टाइल्स, पीने का पानी, शौचालय, किचेन, ब्लैक बोर्ड आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। स्कूलों की बाउंड्री वाल बनवाने के साथ-साथ बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूलों को ब्लॉक स्तर पर स्कूलों का डेवलपमेंट प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद प्रदेश के सभी विकास खंडों के स्कूलों का नए सिरे से सर्वे का काम शुरू हो गया है। सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की स्थिति का आंकलन कर उसकी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है ताकि स्कूलों को सुविधाएं दी जा सकें।

चौंकाने वाले आंकड़े
बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उपरोक्त सुविधाएं पहले से हैं। इतना ही नहीं तमाम प्राइमरी स्कूल ऐसे भी हैं जो कई मामलों में कॉन्वेंट स्कूलों को भी मात दे रहे हैं। हालांकि, इस बीच एक अखबार की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसके मुताबिक, अकेले लखनऊ जिले में ही 234 ऐसे स्कूल हैं, जहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा 260 स्कूलों में बालकों के लिए और 240 स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं हैं।

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