
स्कूलों का होगा युक्तियुक्तकरण (Photo AI)
CG News: महासमुंद जिले के 440 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। शासन ने इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया है। इधर, स्कूल और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे स्कूल जो एक ही परिसर में संचालित किए जा रहे हैं, ऐसे 432 स्कूलाें का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में एक किलोमीटर के दायरे में संचालित आठ स्कूलों का युक्तियुक्तकरण होगा। इस तरह जिले के 440 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। इस तरह इसका सीधा असर जिले के कई शिक्षकों पर पड़ेगा। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार युक्तियुक्तकरण में ऐसे स्कूल ज्यादा हैं, जहां एक ही परिसर में प्राथमिक शाला, पूर्व माध्यमिक शाला, हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल हैं।
कांकेर 596, रायगढ़ 557, कोरबा 469, बिलासपुर 441 के बाद महासमुंद पांचवें क्रम में है। यहीं सबसे ज्यादा स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। महासमुंद जिले में टी वर्ग में एक भी स्कूल नहीं आता है। सभी स्कूल ई-वर्ग के युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।
इधर, 23 शिक्षक संगठनों द्वारा युक्तियुक्तकरण का लगातार विरोध किया जा रहा है। नई राजधानी के तूता के मैदान में एक दिवसीय आंदोलन भी किया गया। महासमुंद जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी विजय लहरे ने बताया कि युक्तियुक्तकरण को लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। नियम के तहत ही स्कूल व शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।
युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षक संगठन में भारी आक्रोश भी देखा जा रहा है। आंदोलन के लिए भी रणनीति बनाई गई है। सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय सचिव ईश्वर चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में इन दिनाें शिक्षा विभाग के अफसर सरकार को भ्रम में रखकर एक ऐसा सेटअप तैयार कर रहे हैं, जो कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर देगा।
उन्होंने कहा कि 31 मई से अनिश्चित कालीन आंदोलन की रणनीति बनाई गई है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक टेकराम सेन ने बताया कि युक्तियुक्तकरण का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन युक्तियुक्तकरण करना है तो 2008 के सेटअप के अनुसार करें।
शिक्षक विहीन स्कूल और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी। एक परिसर में स्थित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल एक होंगे। स्कूलों के संचालन का खर्च घटेगा और जिन स्कूलों में छात्र नहीं हैं या कम हैं, वहां के स्कूलों के शिक्षकों को ऐसे स्कूल भेजा जाएगा। जहां छात्र ज्यादा हैं और शिक्षक कम हैं। स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सकेगा।
Published on:
29 May 2025 12:56 pm
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