
जिले के स्कूलों की पहली बार सेफ्टी ऑडिट किया जा रहा है। इसमें सरकारी व गैर सरकारी स्कूल शामिल हैं। कई बिंदुओं पर बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की जा रही है।
महासमुंद. जिले के स्कूलों की पहली बार सेफ्टी ऑडिट किया जा रहा है। इसमें सरकारी व गैर सरकारी स्कूल शामिल हैं। कई बिंदुओं पर बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की जा रही है।
नए सत्र के आरंभ में बच्चों को गुड टच व बैड टच का फर्क भी बताया जाएगा। अधिकारियों की मानें तो स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सेफ्टी आडिट का कार्य स्कूल शिक्षा विभाग संबंधित चेक लिस्ट के आधार पर कर रहा है। नए सत्र में बच्चों को हादसों से भयमुक्त होकर शिक्षा देने की कवायद चल रही है। स्कूलों में सेफ्टी आडिट के निर्देश बाल संरक्षण आयोग द्वारा दिए गए हैं। इसके साथ ही साथ परिस्थितियों से निपटने की समुचित तैयारी के भी निर्देश दिए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सेफ्टी को लेकर जिले में दो महीने पूर्व से ही जांच प्रारंभ कर दी गई है।
इस क्षेत्र में विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है। ज्ञात हो कि जिले में दो हजार से भी अधिक शासकीय स्कूलें हैं, जिसमें अभी भी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है। यहीं स्थिति निजी स्कूलों में भी देखी जा सकती है। कई सरकारी व निजी स्कूल सडक़ के किनारे संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में भवन, अग्निशमन, बिजली, पानी, अहाता, स्वच्छता संबंधी सुविधा बच्चों को अब तक नहीं मिल पाई है। यही हाल जिला मुख्यालय के स्कूलों में भी है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है।
जिले के कई स्कूल जर्जर अवस्था में हैं। बीते वर्ष में बच्चों ने इन्हीं जर्जर स्कूलों में जान जोखिम में डालकर पढ़ाई की है। इन्हीं सभी समस्याओं को देखते हुए इस वर्ष बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर शिक्षा विभाग सेफ्टी आडिट के माध्यम से जिले के स्कूलों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराएगा। इसके लिए विभाग तैयारी में जुटा हुआ है। स्कूलों की स्थिति की रिपोर्ट तैयार कर रहा है। आने वाले सत्र में बच्चों को उचित सुविधा मुहैया कराने की कोशिश में बाल संरक्षण आयोग भी जुटा है।
चेक लिस्ट में भवन, आग से सुरक्षा, भूकंप प्रबंध, बाढ़, सायक्लोन व लैंड स्लाइडिंग प्रबंध, विद्युत सुरक्षा, निर्माण गतिविधियों के खतरे, खेल मैदान, खेल गतिविधियों में सुरक्षा, पेयजल, प्रयोगशाला, यातायात प्रबंधन व सुरक्षा, ट्रामा, दिव्यांग बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी, स्वच्छता, हाइजीन संबंधी सुरक्षा, बच्चों के यौन उत्पीडऩ से सुरक्षा के प्रबंधन के बिंदु गुड टच, बैड टच का अभ्यास आदि शामिल किए गए हैं।
महासमुंद के जिला शिक्षा अधिकारी बीएल कुर्रे ने बताया कि आयोग द्वारा स्कूलों में सुरक्षा के मापदंडों को लेकर कार्रवाई के निर्देश मिले हैं। जिस पर कार्य किया जा रहा है।
Published on:
04 Jun 2018 02:27 pm
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