
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के महासमुंद शहर के वार्डों में दो साल पहले 18 लाख रुपए खर्च कर लगाए गए डस्टबिन गायब हो गए। अब फिर से 25 लाख रुपए खर्च कर 300 नया डस्टबिन लगाने की तैयारी चल रही है। चिन्हांकित जगहों पर ढांचा तैयार किए जा चुके हैं।
पहले जिन स्थानों पर डस्टबिन लगाए गए थे, वहां डस्टबिन के साथ ढांचा भी गायब हो गए हैं। वहां पर अब गंदगी पसरी हुई है। नगर पालिका के मिशन क्लीन सिटी की टीम ने डस्टबिन गायब होने की शिकायत भी की थी। जानकारी के मुताबिक 2022 में 14 वें वित्त की राशि से 18 लाख रुपए खर्च कर डस्टबिन लगाए गए थे। कुछ दिनों के बाद डस्टबिन गायब हो गए या चोरी हो गए। नगर पालिका ने इसकी सुध नहीं ली।
अब हालत यह है कि जगह -जगह कचरे बिखड़े पड़े हैं। नियमित सफाई भी नहीं हो रही है। सबसे ज्यादा गंदगी सब्जी बाजार में दिखाई देती है। जहां-तहां कचरे फेंक दिए जाते हैं। नालियां जाम रहती हैं। बारिश होने से नालियां का कचरा पानी के साथ सड़क पर फैल जाता है। इससे दुर्गंध उठने से आन-जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मुख्य मार्ग पर डस्टबिन को आस-पास के दुकान वाले ही उपयोग करते पाए जाते है। जिसे ढांचे से हटाकर दुकान के सामने ही लगा दिया जाता है। मिशन क्लीन सिटी प्रभारी ने बताया कि ढांचा तैयार किया जा रहा है, शीघ्र ही 300 नए डस्टबिन लगाए जाएंगे।
डस्टबिन के पास मवेशी ज्यादातर देखे जाते हैं। मवेशी डस्टबिन को गिरा देते हैं। जिससे कचरा सड़क पर बिखर जाता है। इसके अलावा कई बार ढांचा भी टूट जाता है। इसके अलावा कई बार डिब्बे के ढक्कन भी टूट जाते हैं। जिससे नपा को नुकसान होता है। डस्टबिन खुद कचरे का ढेर में नजर आते हैं।
गीला कचरा को लेकर शहर के लोग जागरूक नहीं हैं। कचरे के डिब्बे में सूखा व गीला कचरा अलग-अलग नहीं डाल रहे हैं। पूर्व में घरों में भी डिब्बे का वितरण किया गया था। पिछले वर्ष नगर पालिका को स्वच्छता सर्वे में पहला स्थान मिला था। नगर पालिका अगले सर्वे में इसी स्थान को फिर से बनाए रखने के लिए जद्दोजहद कर रही है। नंबर वन का ताज बनाए रखने के लिए नए डस्टबिन लगाए जा रहे हैं। 50 हजार से एक लाख आबादी वाले शहर में फिर से स्वच्छता सर्वे कराने की तैयारी चल रही है।
Updated on:
26 Aug 2024 04:12 pm
Published on:
26 Aug 2024 04:11 pm
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