
बरसात में यहां की टंकियों में आएगा महानदी का पानी, 65 हार्स पावर के लगेंगे पंप
महासमुंद. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में अब सात पानी टंकियों (water tank) में महानदी (Mahanadi) का पानी आएगा। इससे वार्डों में नियमित पानी की आपूर्ति (water supply) की जा सकेगी। इसकी तैयारी नगर पालिका ने कर ली है।
पीआइसी की बैठक में बेलसोंडा के फिल्टर प्लांट में 85 हार्स पावर के तीन मोटरपंप लगाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है। वहीं बारिश में वार्डवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एलम और ब्लीचिंग पाउडर की खरीदी भी की जाएगी। नगर पालिका क्षेत्र में सात पानी की टंकियां हैं। इन टंकियों के माध्यम से शहर की 86 हजार आबादी को रोज पानी की सप्लाई की जाती है। वर्तमान में शहर की पांच टंकियों को बेलसोंडा फिल्टर प्लांट के माध्यम से भरा जा रहा है। वहीं रावणभाठा व मौहारीभाठा टंकी को स्थानीय बोर से भरा जाता है।
अभी पांच टंकियों को पानी की सप्लाई के लिए फिल्टर प्लांट में 50 -50 हार्सपावर के तीन पंप लगे है । कम हार्स पावर होने के कारण सात टंकियां नहीं भर पा रही थीं। पालिकाध्यक्ष पवन पटेल ने बताया कि फिल्टर प्लांट में लगे पंप करीब 10- 12 वर्ष पुराने हो चुके हैं। आए दिन खराबी से वार्डवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। वार्डवासियों की समस्याओं को देखते हुए शनिवार को हुई पीआईसी की बैठक में नए व 65 हार्स पावर के तीन पंप खरीदने का प्रस्ताव पारित किया गया है। अब फिल्टर प्लांट में अधिक कैपिसिटी वाले पंप लगाए जाएंगे।
ताकि अटल आवास, अंबेडकर स्कूल के पास नयापारा, बस स्टैंड, पिटियाझर, रेस्ट हाउस के पीछे, मौहारीभाठा व रावणभाठा स्थित पानी टंकियों में महानदी का पानी आ सके। पालिका जल्द ही पंप खरीदी करेगी। जिससे आने वाले दिनों में वार्डवासियों को पानी की किल्लत मुक्ति मिलेगी। वहीं विद्युत आपूर्ति बाधित होने से पानी की किल्लत से वार्डवासियों को जूझना भी पड़ेगा। अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति लगातार बाधित रहती है।
फिल्टर प्लांट ग्राम बेलसोंडा में स्थित है। दो दिन पहले विद्युत आपूर्ति बाधित होने से वार्डवासियों को पानी नहीं मिला था। वहीं शहर में भी पालिका क्षेत्र में स्थित बोर भी नहीं चल रहे थे। इस कारण टैंकरों से भी पानी की सप्लाई नहीं हो पाई थी। 86 हजार आबादी को पानी की समस्या से जूझना पड़ा था। निस्तारी व पेयजल की सबसे ज्यादा समस्या शहर में ही देखने को मिलती है।
शुक्रवार-शनिवार की रात मानसून छग पहुंचा। रात में तेज हवा के साथ बारिश हुई। आधी रात बारिश शुरू हुई तो शनिवार सुबह तक होती रही। दिनभर मौसम खुला रहा। आधी रात फिर बारिश शुरू हो गई। दो दिनों तक लगातार बारिश से क्षेत्र जलमग्न हो गया। खेतों व कुओं का जलस्तर बढ़ गया है। वहीं शहरी क्षेत्र में कई फीट नीचे चले गए भू-जल स्तर पर भी खासा प्रभाव पड़ा है। जल प्रभारी विजय श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ दिनों में टैंकरों से पानी की सप्लाई भी बंद कर दी जाएगी।
बारिश के दिनों में पानी को शुद्ध करने के लिए एलम व ब्लीङ्क्षचग पावडर की मात्रा अधिक लगती है। इसकी खरीदी के लिए भी बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है। इसका वर्क आर्डर भी जल्द जारी किया जाएगा। इस वर्ष 20 टन एलम व 10 टन ब्लीङ्क्षचग पावडर की खरीदी पालिका करेगी। ज्ञात हो कि बारिश के दिनों में नदी का पानी मटमैला हो जाता है। जिसे शुद्ध करने के लिए एलम व ब्लीचिंग पावडर का इस्तेमाल किया जाता है। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि फिल्टर प्लांट की मरम्मत के लिए भी प्रस्ताव पारित किया गया है। कुछ महीने पूर्व फिल्टर प्लांट की जाली में खराबी आने के कारण वार्डवासियों को दिक्कतें हुई थी। इसकी मरम्मत के लिए पालिका ने तीन से चार लाख रुपए खर्च किए हैं।
पवन पटेल, नपाध्यक्ष
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Published on:
24 Jun 2019 02:32 pm
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