
आयुष्मान भारत से योजना की शुरुआत से मरीज हुए परेशान, अब नहीं हो रहा स्मार्टकार्ड से भी ईलाज
बसना . छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना शुरू होने के साथ सॉफ्टवेयर में परेशानी आ गई है। साफ्टवेयर अपग्रेड के कारण निजी अस्पतालों में मरीजों का पिछले एक हफ्ते से स्मार्ट कार्ड से उपचार नहीं हो रहा है। इसके कारण निजी अस्पताल मरीजों से इलाज के लिए नकद मांग रहे हैं। नकद पैसे नहीं होने के कारण मरीज इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर हैं।
इसलिए जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ गया है। सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था भी उन्हें कहीं और रेफर होने पर मजबूर कर रहा है। स्मार्ट कार्ड से उपचार करने वाले निजी अस्पतालों में 19 सितंबर को स्मार्ट कार्ड से मरीजों का उपचार नहीं किया गया। स्मार्ट कार्ड से मरीज को भर्ती भी नहीं ली जा रही हैं।
निजी अस्पतालों ने भी अब स्मार्ट कार्ड के जरिए होने वाले इलाज से हाथ खड़े कर लिए हैं। इससे मरीज और परिजनों में हड़कंप मच गया। कुछ दिन पहले ही बड़ी आस के साथ लोगों ने स्मार्ट कार्ड बनवाया था। ताकि निजी अस्पतालों में वे इसका लाभ ले सकें, मगर बिना तैयारी इस योजना के सॉफ्टवेयर बदले जाने से लोगों को इसका लाभ उचित समय पर नहीं मिल पा रहा है। इससे वे इधर उधर भटकने को मजबूर हैं।
महासमुंद के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसबी मंगरूलकर ने कहा कि यह योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित है, सॉफ्टवेयर में कुछ अपडेट होने के कारण बंद है, कब तक यह चालू हो पाएगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
Published on:
26 Sept 2018 06:15 pm
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