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बारात दरवाजे पर थी, इधर दुल्हन ने उठाया बड़ा कदम और किसी को भनक भी नहीं लगने दी

दुल्हन की छोटी बहन ने पिता की बेबसी और आंसू देख, कर लिया समझौता  

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बारात दरवाजे पर थी, इधर दुल्हन ने उठाया बड़ा कदम और किसी को भनक भी नहीं लगने दी

बारात दरवाजे पर थी, इधर दुल्हन ने उठाया बड़ा कदम और किसी को भनक भी नहीं लगने दी

महराजगंज. दरवाजे पर बारात थी। बड़ी धूमधाम से कन्या पक्ष के लोगों ने बारातियों का स्वागत सत्कार किया। महिलाएं बरात के स्वागत में मंगला चरण गा रही थी। हंसी खुशी द्वार पूजा संपन्य हुआ। कन्य पक्ष से लेकर वर पक्ष तक हर कोई खुशी में डूबा हुआ था। तभी आधी रात के बाद सूंदरदान की रश्म अदायगी की बारी आई तो पता चला कि दुल्हन तो है ही नहीं। कन्या पक्ष के लोग जब तक माजरा समझते, उससे पहले ही दुल्हन प्रेमी संग फरार हो चुकी थी।


मामले की जानकारी होने पर कन्या और वर पक्ष के लोगों में सन्नाटा छा गया। चंद घंटों पहले घुघली थाना क्षेत्र के निवासी दुल्हन के पिता जो बेटी को विदा करने का अरमान लिए बारातियों के स्वागत सत्कार में लगे थे। उन्हें बेटी के इस कदम के बात कुछ सूझ नहीं रहा था।


घंटे भर की खोज बीन के बाद जब दुल्हन नहीं मिली तो दुल्हे के पिता को मामले की जानकारी दी गई। जिसके बाद बारातियों में भी हड़कंप मच गया। इस बीच दोनों पक्षों के लोगों ने दुल्हन की छोटी बहन के साथ फेरे कराने का प्रस्ताव रखा। दुल्हन के पिता की बेबसी देख दुल्हा दुल्हन की छोटी बहन के साथ शादी करने को तैयार हो गए। इधर छोटी बड़ी बहन के इस कदम के बाद बेबस पिता की आंखों में आंसू देख शादी के लिए तैयार हो गई।


एक बार फिर सिंदूरदान की रश्म शुरू हुई। पिता ने छोटी बेटी का नम आंखों से कन्या दान किया। सात फेरे हुए। घरातियों और बारातियों में बेटी के इस त्याग और फैसले की सराहना करते हुए सहर्ष कन्या और वर को आशीर्वाद दिया। सुबह बारात खुशी खुशी विदा हुई।

By- यशोदा श्रीवास्तव

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