
महराजगंज थाना खनुुआ चौकी
महराजगंज. त्योहरों के सीजन में कथित सुरक्षा को लेकर पुलिस की निरोधात्मक काररवाई एक परंपरा बन गई है। कईयों साल पहले की गई ऐसी कार्रवाई की जद में कभी-कभी हास्यस्पद स्थित भी पैदा हो जाती है जिससे पुलिस उपहास का पात्र बनती है। मुर्दो तक के खिलाफ कार्रवाई की बात सामने आती रहती है। कई ऐसे मामले भी आए हैं जब नवजात शिशुओं तक का चालान काटकर जमानत के लिए पर्ची थमा दी गई।
इसी क्रम में जिले के नौतनवा कोतवाली क्षेत्र के खनुआ पुलिस चैकी के सिपाहियों ने भी अपने कथित जौहर का उदाहरण पेश किया है। दशहरा पर्व पर सुरक्षा के नाम पर संदिग्धों को पाबंद करने की परंपरा का निर्वहन करते हुए उसने एक ऐसे व्यक्ति को पाबंद कर दिया जो पिछले पांच माह से बिस्तर पर पड़ा जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। नेपाल सीमा के खनुआ पुलिस चैकी ने अपने क्षेत्र के कैथवलिया गांव के 55 वर्षीय भरत कुमार पांडेय को दशहरा पर्व के लिए खतरा बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की है। खनुआ पुलिस चौकी के सिपाही ने उनके घर नोटिस भेजकर उन्हें जमानत कराने की हिदायत दी है। पुलिस की ओर से मंगलवार को मिले इस नोटिस से परिजन हैरान हैं।
भरत कुमार पांड़ेय पिछले 11 मई को हुए एक हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गए। इनका इलाज गोरखपुर से लखनउ तक हुआ लेकिन वे ठीक नहीं हुए। रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण उनके कमर से नीचे का अधिकांश हिस्सा निष्क्रिय हो गया है। कई अंग काम नहीं कर रहे हैं। परिवार के लोग थक हार कर उन्हें घर ले आए। करीब पांच माह हो गए, वे बिस्तर पर पड़े हुए हैं। भरत पांडेय पर पूर्व में भी कोई आपराधिक मुकदमें नहीं हैं, जिससे उन्हें संदिग्ध की श्रेणी में रखा जाय।
त्योहारों में पुलिस को ऐसे टारगेट में मिलते हैं सो वह बैठे-बैठे जो नाम मन में आया उन्हें निरूद्ध कर उनके खिलाफ जमानत कराने की नोटिस भेज देती है। पुलिस की ऐसी मनगढ़ंत कार्रवाई से सैकड़ों लोग थाना कचहरियों का चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं। इस संबंध में नौतनवां सर्किल के सीओ धमेंद्र कुमार यादव का कहना है कि इस मसमले की जानकारी उन्हें है। वे इसकी जानकारी जुटा रहे हैं। मामले में जिस भी पुलिस कर्मी की लापरवाही सामने आई उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
By Yashoda Srivastava
Published on:
17 Oct 2018 10:47 am
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