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मैनपुरी

सेक्युलर मोर्चे के गठन के बाद चाचा शिवपाल यादव के नाम ये खुला पत्र हो रहा जमकर वायरल

मऊ से सपा नेता आलोक यादव द्वारा लिखा गया है। इस पत्र को अखिलेश के समर्थक फेसबुक और व्हाट्सएप पर जमकर फैला रहे हैं।

मैनपुरीSep 06, 2018 / 01:19 pm

धीरेंद्र यादव

letter viral for Shivpal Yadav

letter viral for Shivpal Yadav

मैनपुरी। सैफई परिवार के अहम सदस्य शिवपाल सिंह यादव द्वारा सेक्युलर मोर्चा के गठन के बाद समाजवादी खेमा बैचेन है। इस बीच चाचा शिवपाल के नाम एक खुला पत्र वायरल हो रहा है। ये पत्र मऊ से सपा नेता आलोक यादव द्वारा लिखा गया है। इस पत्र को अखिलेश के समर्थक फेसबुक और व्हाट्सएप पर जमकर फैला रहे हैं।
ये लिखा पत्र में
चाचा प्रणाम ।
आप ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया है। पता नहीं यह मोर्चा एक पार्टी है या समाजवादी पार्टी के असंतुष्ट लोगों को एक प्लैट्फ़ॉर्म देने का माध्यम है ? चाचा एक ख़बर आयी है कि यह मोर्चा सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगा । चाचा यह ख़बर तो दुखदायी है। आपने अखिलेश भैया को अपने कंधे पर बिठा कर स्कूल पहुंचाया है। भैया आज भी जब मौक़ा मिलता है आपका पैर छूते हैं। चाचा अगर वास्तव में आप 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान कर रहे हैं तो आप अपने भतीजे को जो आपके बेटे के समान है उसे हराना चाह रहे हैं। चाचा क्या आपका दिल इतना छोटा है कि आप अपने भतीजे की बर्बादी में अपना शकून खोज रहे हैं? चाचा आपने तो अपने भतीजे के पिता की रक्षा के लिए साइकिल चलायी, आप ने अपने भतीजे को अपनी गोद में खिलाया। आप भी तो चाहते थे कि आपका भतीजा ध्रुव तारे की तरह चमके तो आख़िर ऐसा क्या हुआ कि आप अपने भतीजे की बर्बादी की कामना कर रहे हैं। चाचा आप यह अच्छी तरह जानते हैं कि आपके 80 सीटों पर चुनाव लड़ने पर अगर किसी का नुक़सान होगा तो केवल और केवल आपके उस भतीजे का नुक़सान होगा जो आदित्य से पहले आपके बेटे की तरह हैं। तो क्या आप अपने भतीजे को हारते हुए देखना चाहते हैं। चाचा आख़िर आप चाहते क्या हैं? समाजवादी पार्टी पर क़ब्ज़ा? चाचा ऐसा नहीं हो सकता क्यूंकि बाप का उत्तराधिकारी बेटा ही होता है भारतीय समाज में। अगर आपको लगता है कि नेता जी का उत्तराधिकार आपको मिलना चाहिए तो यह आपकी भूल है, अगर ऐसा हुआ तो भारतीय संस्कृति की अवहेलना होगी। अब रही बात आपके सम्मान की तो चाचा ग़लतियां आपसे भी हुई हैं। आपको पता है कि अखिलेश भैया अमर सिंह को अपने परिवार का दुश्मन मानते हैं और आप उनको गले से लगाकर घूमते हैं। मैं मानता हूं कि अमर सिंह जी का आपसे बहुत स्नेह है पर चाचा यह तो समझिए जो व्यक्ति अखिलेश भैया को आपसे ज़्यादा मानता था आज वो उनसे सबसे ज़्यादा नफ़रत करता है। वो व्यक्ति आपके परिवार का शुभचिंतक कैसे हो सकता है ? चाचा वह या उसके जैसा कोई व्यक्ति आपके परिवार या ग़रीब गुर्बा का शुभचिंतक हो ही नहीं सकता। माना अखिलेश भैया आपको सम्मान जनक पद नहीं दे रहे हैं, क्या चाचा से बड़ा भी कोई पद होता है? चाचा आप अखिलेश भैया के पिता तुल्य चाचा हैं, जिसकी गोद में देश का भविष्य खेला है। चाचा आपका भतीजा जिसे आपने संस्कार दिया है उसकी तरफ़ पूरा देश देख रहा है। क्या यह किसी पद से कम है? चाचा मुझे पता है आपका हृदय बहुत पवित्र और साफ़ है आप को दुःख है कि जिस भतीजे को गोद में खिलाया वही असम्मान कर रहा है। चाचा सोचिए आपका भतीजा भोला है नासमझ है, पर जब वही भतीजा भविष्य में देश का प्रधानमंत्री बनकर आपके पैरों को छुएगा तो चाचा का सीना 56 इंच का होगा कि नहीं होगा। चाचा मुझे पता है जितने लोग समाजवादी पार्टी में नाराज़ हैं सब आपकी बहुत इज़्ज़त करते हैं, आप अगर सबको कहे की आपके भतीजे की सारी नदानियों को माफ़ करते हुए उसको मज़बूत करे तो लोग क्या आपकी बात नहीं मानेगे ? चाचा बड़ा दिल करिये आप निहसवार्थ भाव से भतीजे को मज़बूत करिये, यक़ीन मानिए आपका भतीजा इतना दिलदार है की आपके क़दमों में अपना सर्वस्व रख देगा। भतीजे को अच्छी तरह पता है कि उसको किस चाचा के कंधे पर चढ़ कर भव पार करना है। चाचा एक बार फिर अपने भतीजे को अपने कंधे पर बैठा कर 2019 का दरिया पार कराइए यक़ीन मानिये आपका नाम इतिहास में वासुदेव के रूप में याद किया जाएगा । अगर आपने ऐसा नहीं किया तो हो सकता है आप अपने भतीजे का 10 फीसद नुक़सान कर ले पर आपकी 30 साल की तपस्या और त्याग का इतिहास में नाम मिट जाएगा मेरी मानिए कल अखिलेश भैया के पास जाइये और बोलिए बेटा तू बहुत ज़िद्दी है चल कंधे पर बैठ जा तुझे दिल्ली पहुंचाता हूं। यक़ीन मानिए भतीजा आँसुओं के साथ आपकी गोंद में लिपट जाएगा ।
आपका “-समाजवादी शुभचिंतक
जो परिवार को बिखरते हुए एवं पिछड़ो दलितों अल्पसंख्यक को बेसहारा छोङना नहीं देखना चाहता
आप का अपना
आलोक यादव
मऊ

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