25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना इफेक्टः पढ़े लिखे लोग कर रहे खेती-बाड़ी, यूरोप में ऐसे बदली तस्वीर

ब्रिटेन में कोरोना महामारी की चोट ऐसी पड़ी है कि नौकरी गंवाने वाले इंजीनियर, रसोइए और वेटर खेती करने लगे हैं।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Sunil Sharma

May 04, 2020

startups, success mantra, start up, Management Mantra, motivational story, career tips in hindi, inspirational story in hindi, motivational story in hindi, business tips in hindi,  corona virus, corona

startups, success mantra, start up, Management Mantra, motivational story, career tips in hindi, inspirational story in hindi, motivational story in hindi, business tips in hindi, corona virus, corona

ब्रिटिश सरकार अपने लोगों से चाहती है कि वे खेतों से सब्जियां कांटे और ताजी उपज के बक्से कोल्ड स्टोरेज के लिए लोड़ करें ताकि सप्लाई चेन बनी रहे। कोरोना वायरस के कारण ब्रिटिश किसानों को पूर्वी यूरोप से आने वाले प्रवासी मजदूर मिलना बंद हो गए हैं। सरकार का कहना है कि उसकी आधिकारिक नीति खेतों में स्थानीय लोगों को लाने की है।

ये भी पढ़ेः फैमिली इवेंट प्लानर बनें, जमकर कमाएं पैसा, ये है पूरी डिटेल्स

ये भी पढ़ेः कॉमर्स में है जबरदस्त कॅरियर, मिलेंगे ढेरों जॉब्स, स्टार्टअप्स के ऑप्शन्स

रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पर्यावरण सचिव जॉर्ज यूस्टाइस ने कहा कि जून की फसल के लिए वे उन लाखों को लोगों को खेतों पर आने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, जो दूसरी नौकरी करने की सोच रहे हैं। ब्रिटेन में कोरोना महामारी की चोट ऐसी पड़ी है कि नौकरी गंवाने वाले इंजीनियर, रसोइए और वेटर खेती करने लगे हैं। लेबर प्रोवाइडर्स एलायंस ऑफ एथिकल के मुताबिक, करीब 55 हजार लोगों ने कृषि से जुड़े कामों में रुचि व्यक्त की है। 24 अप्रैल तक इनकी संख्या 150 से भी कम थी।

ये भी पढ़ेः कभी गाते थे रेस्तरां में गाना, फिर यूं बन गए टॉप यू-ट्यूब स्टार, जाने कहानी

ये भी पढ़ेः टेक्नोलॉजी बेस्ड लेबर सर्विस का स्टार्टअप है फायदे का सौदा, ऐसे करें शुरू

लोग पूछने आ रहे काम
दक्षिण-पूर्व ब्रिटेन के केंट स्थित एक खेत में छह महिलाओं का एक समूह पत्तागोभी काटने के बाद उन्हें पैक कर रहा है। फॉर्म के मालिक निक ओटवेल बताते हैं कि महामारी ने उनका काम मुश्किल कर दिया है। मैकडॉनल्ड्स जैसे खरीददार छूट गए है जो चिकन रैप्स के लिए उनसे अपोलो लेटेस (सलाद) लेते थे। लंबे समय से ही खेती कर रहे ओटवेल के अनुसार, दो हफ्तों में उन्हें अहम फसल काटनी है। उन्होंने कोई विज्ञापन नहीं निकाला बावजूद इसके करीब 50 स्थानीय लोग उनके पास काम मांगने आ चुके हैं। ओटवेल ने उनमें से आठ को चुना है।

पूरा दिन सोफे पर बिताने से बेहतर
ओटवेल फर्म पर काम करने वाले 32 साल के डेनियल मार्टिन सिविल इंजीनियर थे। कोरोना के कारण काम बंद हो गया। वह कहते हैं कि खेतों पर काम करना पूरे दिन सोफे पर बैठने से बेहतर है। 45 साल की सैनी पेनफोल्ड बताती है कि वह जिस रेस्तरां में काम करती थीं वो बंद हो गया। घर में कोई कमाई नहीं थी। उन्हें लगा भोजन उपलब्ध कराना सम्मानजनक बात होगी। ऐसी ही कहानी 32 वर्षी थॉमस टैंसवेल की है। वे एक रेस्तरां में शेफ थे।

लेकिन यह चिंता भी है साथ में
फार्म मालिक ओटवेल की दूसरी चिंताएं भी हैं। उन्हें डर है कि जब नई भर्तियां निकलेंगी तो नए लोग पुराने कामों में लौट जाएंगे। फसलों को बीच में छोड़ देना विनाशकारी होगा हालांकि स्थानीय लोगों का स्वागत है बशर्ते वे गर्मियों तक प्रतिबद्ध रहें।