
Elephants Vacations: आजादी किसे पसंद नहीं होती...जिसे मिल जाए उसकी तो मौज ही हो जाती है। जो मन चाहे करो, खुलके जियो, कुछ इसी अंदाज में हैं इन दिनों मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व में रहने वाले हाथी। करीब 18 हाथियों का झुंड यहां जंगल से बाहर आजाद घूम रहा है। मनचाही मस्ती कर रहा है। जंगली खाने से इतर कुछ शाही मेहमाननवाजी का लुत्फ ले रहा है। हाथियों के इस झुंड में सवा साल के लिटिल एलिफेंट समेत, सबसे उम्रदराज 78 साल का हाथी भी यहां मस्ती के अंदाज में नजर आ रहा है। हाथियों की ऐसी मौज-मस्ती के नजारे देख आपका भी दिल कह उठेगा वाह...
दरअसल ये नजारा है कान्हा टाइगर रिजर्व में चल रहे एलिफेंट रिजुविनेशन कैंप का। हाल ही में शुरू हुए इस सात दिवसीय कैंप में हाथियों को उनकी ड्यूटी से फ्री कर फिलहाल आजाद कर दिया गया है। 17 सितंबर से शुरू हुआ यह कैंप हाथियों की मौज-मस्ती और आजादी का केंद्र बन गया है। उन्हें न केवल उनकी पंसद का खाना मिल रहा है, बल्कि उन्हें रिलेक्स फील कराने के लिए तेल से मसाज तक दिया जा रहा है।
मेडिकल चेकअप से लेकर रखा जा रहा रूटीन का पूरा ध्यान
- आपको बताते चलें कि इस रिजुविनेशन कैंप में इन हाथियों का पूरा मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। उनके ब्लड सेंपल लेकर उनकी जांच की गई है कि कहीं इन्हें कोई बीमारी तो नहीं।
- हाथियों की अंदरूनी सेहत के साथ ही शरीर के बाहर की सेहत का भी खास ख्याल रखा जा रहा है। बढ़े हुए नाखूनों को काटा जा रहा है।
- उनके दांतों की क्लीनिंग की जा रही है। उन्हें तराशा जा रहा है।
- उनकी पसंद की चीजों का खास ख्याल रखा जा रहा है।
- आपको बताते चलें कि सुबह-सुबह जब हाथियों को कैंप में लाया जाता है, तो उनके दिन की शुरुआत उन्हें नहलाने की प्रक्रिया से की जाती है।
- नहाने के बाद हाथियों के पैर में नीम तेल और सिर में अरण्डी के तेल से मालिश की जाती है।
- मालिश के बाद उनके खाने-पीने का समय हो जाता है।
- इस कैंप में हाथियों को जंगली घास या उनके जंगली खाने से इतर गन्ना, केला, मक्का, आम, अनन्नास, नारियल आदि परोसा जा रहा है।
- खाना खाने के बाद उन्हें फिर से जंगल में आजाद छोड़ दिया जाता है।
- दोपहर में हाथी फिर से कैंप की ओर रुख करते हैं। लेकिन कैंप में शामिल होने से पहले एक बार फिर उन्हें नहलाया जाता है।
- नहाने के बाद हाथी एक बार फिर से खाना खाते हैं। इस बार इन्हें खाने में रोटी, गुड़, नारियल, पपीता खिलाकर दोबारा जंगल में छोड़ दिया जाता है।
- कैंप के बाद हाथी तरोताजा होकर एक बार फिर पार्क के दुर्गम क्षेत्रों की सुरक्षा में अपनी महती भूमिका निभाने के लिए निकल जाते हैं।
ये है हाथियों का वेकेशन टाइम
कान्हा टाइगर रिजर्व मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्र संचालक एसके सिंह कहते हैं कि हर साल वे एक सप्ताह के लिए एलीफेंट रिजुविनेशन कैंप का आयोजन करते हैं। इस बार यह कैंप 17 सितंबर से शुरू हुआ है, जो 23 सितंबर तक चलेगा। दरअसल यह कैंप उन हाथियों के लिए आयोजित किा जाता है, जो हमारे लिए ड्यूटी करते हैं। लेकिन इस कैंप के दौरान उन्हें ड्यूटी से मुक्त रखा जाता है। इसलिए यह समय इन हाथियों का वेकेशन टाइम होता है। इस सात दिवसीय कैंप में हम हाथियों के लिए कई एक्टिविटीज आयोजित करते हैं। उनकी सेहत की पूरी जांच की जाती है। इन हाथियों के साथ उनके उनके महावत और चारा कटर होते हैं। उनके भी चेकअप होते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि, मानसून सीजन में उनको दुर्गम क्षेत्रों में रखते हैं, तो उसमें से आने के बाद यदि उनको कोई बीमारी हो तो उसका इलाज हो सके और नई ऊर्जा से हमारे हाथी अपने-अपने काम पर फिर से चले जाते हैं।
दी जाती है विटामिन और मिनरल्स की खुराक
इस रिजुविनेशन कैंप में हाथियों की जमकर खातिरदारी की जाती है। स्पेशल केयर करते हुए उनके रूटीन और सेहत का ध्यान रखा जाता है। विटामिन्स और मिनरल्स की खुराक दी जाती है। आपको बता दें कि कान्हा टाइगर रिजर्व में आवागमन का साधन एक मात्र हाथी ही हैं। हाथियों के सहयोग से ही प्रबंधन पूरे वन क्षेत्र और वन्य प्राणियों की देखरेख और पेट्रोलिंग करता है। इन दिनों में इन्हें इनकी इस ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाता है।
ये रहता है हाथियों का रूटीन
सुबह हाथियों को नहलाया जाता है। उसके बाद उनकी तेल मालिश की जाती है और उसके साथ उनके दांत और नाखूनों की साफ सफाई होती है। नाखून बढ़ रहे हो तो उनकी छंटाई की जाती है ताकि उनमें किसी तरह का घाव न हो। फिर उन्हें नाश्ता दिया जाता है। नाश्ते में वे कुछ फल और गन्ना खाते हैं। सोयाबीन और चने के मिक्स आटे से तैयार रोटी खाते हैं। इसके साथ ही इन्हें एंटीबायोटिक दी जाती है। शाम को फिर से हम एक बार उनको इकट्ठा करते हैं, उन्हें गुड़ और रोटी देते हैं। बाकी दिनों में ये हाथी जंगल में अपना आहार लेते हैं।
जानें क्यों लगाया जाता है रिजुविनेशन कैंप
इस कैंप का उद्देश्य होता है कि हाथियों में नई ऊर्जा का संचार हो, इसके लिए उन्हें इन दिनों में मानसिक और शारीरिक रूप से आराम दिया जाता है। हाथी को एक सामाजिक प्राणी माना जाता है। ऐसे में जब ये एक सप्ताह तक मौज-मस्ती करते हैं तो खुद को बेहद रिलेक्स्ड फील करते हैं। इसीलिए हर साल सितंबर में हाथियों के लिए रिजुविनेशन कैंप का आयोजन किया जाता है।
Updated on:
21 Sept 2023 05:38 pm
Published on:
21 Sept 2023 05:28 pm
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