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Videi Story :- एक से 76 साल तक के हाथियों की कान्हा पार्क में हो रही खातिरदारी

हाथी रिजुविनेशन कैंप: पहले घंटों नहलाया, फिर मालिश की, बाद में पंसदीदा भोजन भी दिया

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मंडला. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में हाथी रिजुविनेशन केम्प में गजराज की विशेष खातिरदारी सेवा की जा रही है। कैंप में एक से लेकर 76 साल तक के हाथी शामिल हुए हैं। इन हाथियों से कैंप के दौरान कोई काम नहीं लिया जाता। इस दौरान इनको पूरी तरह आराम और ख्याल रखा जाता है। विभागीय हाथियों को नहलाकर उनके मीनू के अनुसार पसंदीदा पकवान खिलाए जा रहे है। शिविर एक सप्ताह 23 सितंबर तक कान्हा में चलेगा। कैम्प के दौरान अलग-अलग जोन के सभी हाथियों को एक साथ रहने और घुलने मिलने का मौका मिलता है। बताया गया है कि हाथियों में नई ऊर्जा के संचार एवं मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष कान्हा नेशनल पार्क में विभागीय हाथियों का प्रबंधन किया जाता है। हाथियों रिजुविनेशन केम्प में 18 विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देख रेख की जा रही है। कान्हा परिक्षेत्र में आयोजित कैम्प में गजराज की सेवा चल रही है। महावत एवं चारा कटर विभागीय हाथियों की सेवा में जुटे है। हाथियों को अतिरिक्त खुराक विटामिन, मिनरल, फल-फूल खिलाए जा रहे है।

फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि गजराज की खुशामदी का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो जाता है। अलसुबह सभी हाथियों को एकत्र करके उन्हें नदी में घंटो नहलाया जाता है। इसके बाद प्रतिदिन सुबह चारा कटर हाथियों को नहलाकर केम्प में लाया जा रहा है। हाथियों के पैर में नीम तेल तथा सिर में अरंडी के तेल से मालिश की जा रही है। हाथियों को गन्ना, केला, मक्का, आम, अन्नानास, नारियल खिलाकर जंगल में छोड़ा जा रहा है। दोपहर को दोबारा हाथी कैम्प में लाए जा रहे है। रोटी, गुड, नारियल, पपीता खिलाया जा रहा है। हाथियों की खुशामदी का सिलसिला पूरे एक हफ्ते चलता है, जिसके लिये पार्क प्रबंधन द्वारा अधिकारी एवं कर्मचारियों की तैनाती की गई है।

डॉक्टरों ने किया स्वास्थ्य परीक्षण

जानकारी अनुसार कैम्प में विशेषज्ञों व चिकित्सकों द्वारा हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। हाथियों के रक्त के नमूने जांच की जा रही है। नाखूनों की ड्रेसिंग, दवा के द्वारा पेट के कृमियों की सफाई तथा हाथियों के दांत की आवश्यकतानुसार कटाई की जा रही है। हाथियों की सेवा में लगे महावतों एवं चारा कटरों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। पार्क प्रबंधन का कहना है कि इस कैम्प के बाद हाथी अपने आपको पहले से ज्यादा तरोताजा महसूस कर नई ऊर्जा के साथ पार्क की सुरक्षा में अपने योगदान के लिए तैयार हो जाते है।