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बढ़ते माइग्रेशन के साथ बढ़े मलेरिया के मरीज

महज तीन माह में सामने आए मलेरिया के 55 नए मरीज

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Malaria patients increased with increasing migration

Malaria patients increased with increasing migration

मंडला. वर्ष 2015 से वर्ष 2020 के बीच पिछले छह वर्षों में आदिवासी बहुल्य जिले में जिस तेजी से मलेरिया के पॉजिटिव केसों का ग्राफ उतरा, उतनी ही तेजी से पिछले तीन माह के दौरान ऊपर चढ़ भी गया। मलेरिया विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि महज तीन महीने जुलाई अगस्त और सितंबर के महीने में जिले भर में मलेरिया के 55 नए मरीज सामने आए। जिसमें सर्वाधिक 37 मरीज जुलाई के महीने में सामने आए और सितंबर में यह आंकड़ा घट कर 03 रह गया। अगस्त में जिले भर में 15 नए मरीज सामने आए। जबकि वर्ष के शुरूआती तीन महीनों में जिले भर में मलेरिया पॉजिटिव केसों का आंकड़ा 05 तक सिमट कर रह गया था। यानि वर्ष 2021 के जनवरी महीने से सितंबर के माह तक जिले में 60 मरीज सामने आए। इसमें से सबसे भयावह स्थिति जुलाई अगस्त और सितंबर के महीने में रही। अब पुन: दावा किया जा रहा है कि मलेरिया के केसों पर नियंत्रण पा लिया गया है।
पिछले छह वर्षांे में जिले के मलेरिया विभाग ने इस ज्वर पर नियंत्रण पाने का भरसक प्रयास किया और काफी हद तक सफल भी हुए। विभागीय रिकार्ड के मुताबिक, जहां वर्ष 2015 में जिले में मलेरिया पॉजिटिव केसों की संख्या 4 हजार 592 रही, इसके ठीक उलट वर्ष 2020 में यह आंकड़ा गिरकर 164 में सिमट गया। यानि मलेरिया पर नियंत्रण पाने में जिले के विभाग को आशातीत सफलता मिली। माइग्रेशन के दौरान सिवनी-बालाघाट क्षेत्र से कई प्रवासी जिले में वापस आए। इनकी माइग्रेट लोगों की संख्या 16 बताई गई है। आशंका जताई जा रही है कि प्रवासियों के जिले में लौटने के बाद से यहां मलेेरिया के केसों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
193 कांटेक्ट की जांच
जिला मलेरिया अधिकारी रामशंकर साहू का कहना है कि जिले में मलेरिया के केस बढऩे पर हर पॉजिटिव केस की कांटेक्ट हिस्ट्री की जांच पड़ताल की गई। अब तक 193 कांटेक्ट केस ढूंढे जा चुके हैं। इसके अलावा जिले में रैपिड फीवर सर्वे भी कराया जा रहा है। ताकि मलेरिया पर तत्काल नियंत्रण पाया जा सके। जहां मलेरिया पीडि़त लोग मिले, उन क्षेत्रों के अलावा आसपास के क्षेत्रों में भी रैपिड फीवर सर्वे कराया गया और अब तक 687 की जांच पड़ताल की जा चुकी है।
जिले में हाईरिस्क ग्राम चिन्हित
मलेरिया अधिकारी रामशंकर ने बताया कि वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के मलेरिया प्रभावित हाईरिस्क 10 चयनित ग्रामों को चयनित किया गया है। विकासखण्ड नैनपुर के ग्राम भडिय़ा, अमझर रैयत, बिछिया के हर्राभाटमाल, नारायणगंज के कोंडरा, सिघनपुरी, भालीवाड़ा, बीजाडांडी के मुइयानाला, पौंड़ी रैयत, देहना, निवास के करौंदी को हाईरिस्क ग्राम माना गया है।