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गेहूँ उपार्जन के लिए 5 फरवरी से 5 मार्च तक होगा पंजीयन

उपार्जित फसल के भुगतान की व्यवस्था में किया गया है संशोधन

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गेहूँ उपार्जन के लिए 5 फरवरी से 5 मार्च तक होगा पंजीयन

गेहूँ उपार्जन के लिए 5 फरवरी से 5 मार्च तक होगा पंजीयन

मंडला। रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिए किसान पंजीयन 5 फरवरी से 5 मार्च 2022 तक किया जाएगा। गेहूं उपार्जन की संभावित अवधि 25 मार्च से 15 मई 2022 निर्धारित की गई है। जानकारी के अनुसार किसानों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा पंजीयन एवं उपार्जन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
इस संबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा बताया गया कि उपार्जन के लिए किसानों के पंजीयन के लिए 5 प्रकार की व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। किसान निर्धारित लिंक पर जाकर स्वयं के मोबाईल अथवा कम्प्यूटर से नि:शुल्क पंजीयन कर सकता है। साथ ही वह ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्रों में भी निशुल्क पंजीयन करा सकता है। इसी प्रकार पूर्व वर्ष की भांति सहकारी समिति, स्व-सहायता समूह एवं एफपीओ द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों में भी वह अपना निशुल्क पंजीयन करा सकता है। एमपी ऑनलाईन, कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, लोकसेवा केन्द्र एवं निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साईबर कैफे पर 50 रूपए की शुल्क देकर अपना पंजीयन करा सकता है।
एसएमएस की अनिवार्यता समाप्त
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि पूर्व प्रक्रिया में किसान को फसल बेचने के लिए एसएमएस प्राप्त होता था। परिवर्तित व्यवस्था में फसल बेचने के लिए एसएमएस प्राप्ति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। अब किसान फसल बेचने के लिए निर्धारित पोर्टल से नजदीक के उपार्जन केन्द्र, तिथि और टाईम स्लॉट का स्वयं चयन कर सकेंगे। रबी विपणन वर्ष 2022-23 में फसल बेचने के लिए उपार्जन केन्द्र, तिथि एवं टाईम स्लॉट का चयन 7 मार्च से 20 मार्च 2022 तक निर्धारित उपार्जन केन्द्रों पर सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक एवं ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय में स्थापित सुविधा केन्द्रों पर कार्य दिवस में कार्यालयीन समय पर किया जा सकता है।
उपार्जित फसल के भुगतान की व्यवस्था में संशोधन
किसानों के भुगतान असफल होने की समस्या के लिए भुगतान की प्रक्रिया में संशोधन किया गया है जिसके अनुसार पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड प्रविष्टि कराने की अनिवार्यत: समाप्त कर दी गई है। अब किसानों को उपार्जित फसल का भुगतान उनके आधार नंबर से लिंक खाते में सीधे प्राप्त होगा। नवीन पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखें। किसान अपने आधार से अपना मोबाईल नंबर अपडेट कराने के लिए जिला स्तर और तहसील में संचालित आधार पंजीयन केन्द्रों एवं पोस्ट ऑफिस में संचालित आधार सुविधा केन्द्र का उपयोग कर सकते हैं। आधार नंबर से बैंक खाता लिंक कराने के लिए समस्त बैंकों को निर्देश जारी किए गए हैं जिससे किसान अपना बैंक खाता आधार नंबर से लिंक करा सकते हैं।
आधार नंबर का वेरीफिकेशन अनिवार्य
पंजीयन कराने एवं फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरीफिकेशन अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमेट्रिक डिवाईस से किया जा सकेगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति से हो सकेगा जबकि भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जायेगा। सत्यापन की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा। किसान उपार्जन केन्द्र में जाकर फसल बेचने के लिए अपने परिवार के किसी सदस्य (पिता, भाई, पति, पुत्र आदि) को नामित कर सकेंगे। नामित व्यक्ति का भी आधार वेरीफिकेशन कराया जाएगा। उपार्जन केन्द्र पर आधार के बायोमेट्रिक सत्यापन के उपरांत ही नामित व्यक्ति फसल का विक्रय कर सकेंगे।
सिकमी, बटाईदार एवं वन पट्टाधारी किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि उक्त श्रेणी के किसानों का पंजीयन समिति, एसएचजी, एफपीओ, एफपीसी द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र में किया जाएगा। पंजीयन केन्द्र पर किसान को आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाईल नंबर हो तथा सिकमी नामे की प्रति साथ में लाना होगा। वन पट्टाधारी किसान के पंजीयन में वन पट्टा क्रमांक, खसरा, रकबे एवं बोई गई फसल की प्रविष्टि की जाएगी।
कर सकेंगे दावा आपत्ति
किसान गिरदावरी में दर्ज भूमि के रकबे, बोई गई फसल एवं फसल की किस्म से संतुष्ट न होने पर पंजीयन के पूर्व किसान द्वारा भूमि, बोई गई फसल एवं फसल की किस्म में संशोधन के लिए गिरदावरी में दावा आपत्ति करना होगा। किसान गिरदावरी में दर्ज भूमि के रकबे, बोई गई फसल एवं फसल की किस्मों में किसी प्रकार का संशोधन किए जाने पर किसान पंजीयन में तदानुसार स्वत: संशोधन हो जाएगा जिसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से संबंधित किसान को एनआईसी द्वारा प्रेषित की जाएगी।