
Taxes will be charged every month of purchase of land in the purchase of land.
मंडला. जमीन की कीमत छिपा कर स्टांप शुल्क चोरी करना अब महंगा पड़ सकता है। नए नियम के अनुसार चोरी पकड़े जाने पर छिपाई गई राशि पर प्रति माह दो फीसदी का ब्याज भी देना होगा। नए नियमों के बारे में जानकारी सभी पंजीयक कार्यालयों को उपलब्ध करा दी गई है। शासन की ओर से किए गए नियमों में संशोधनों से भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक रोक लग सकेगी। जिले में कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार ही स्टांप शुल्क निर्धारित है। इसके बाद भी भूमि की वास्तविक कीमत छिपाकर रजिस्ट्री करा लेने के प्रकरण सामने आने से शासन को प्रतिमाह जिले में ही लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा था लेकिन शासन ने 20 साल पुराने नियमों में संशोधन कर दिया है। इससे पहले जमीन की कीमत छिपाकर रजिस्ट्री कराते पकड़े जाने पर कार्रवाई के नियम नहीं थे। ऐसे प्रकरणों में जिला पंजीयक को ही अपने विवेक से सुनवाई कर जुर्माना लगाने का प्रावधान था। नियम लचीले होने के कारण शासन को नुकसान हो रहा था। स्टांप चोरी के अधिकांश प्रकरणों में क्रेता और पंजीयक कार्यालय के अधिकारियों के बीच डीलिंग हो जाती थी। जैसे 50 हजार की स्टांप चोरी हुई है तो लेनदेन कर 5 से 10 हजार का जुर्माना लगाकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता था। कई प्रकरणों में तो अधिकारी भूल मानकर जुर्माना करने की जरूरत भी नहीं मानते थे। कुछ प्रकरणों में जुर्माना कम या ज्यादा लगा दिए जाने पर शिकायतें उच्च अधिकारियों तक पहुंच जाती थी। अधिकारियों की काली कमाई बढ़ रही थी तो क्रेता को भी लाभ हो रहा था। ऐसे प्रकरणों में शासन को प्रतिमाह लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा था। नियमोंं से संशोधन कर सरकार ने जुर्माने की राशि तय कर दी है। चोरी की गई स्टांप शुल्क पर अब हर माह ब्याज वसूल किया जाएगा। जुर्माने की राशि रजिस्ट्री दिनांक से वसूल की जाएगी।
नियमों में संशोधन से पहले ई-स्टांप खराब होने पर 10 प्रतिशत की राशि काटी जाती थी। इससे ई-स्टांप जारी करने वाले वेंडर्स को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जारी होने के दौरान फं स जाने पर अब 10 फीसदी नहीं सिर्फ दो फीसदी की राशि ही काटी जाएगी। नियमोंं में संशोधन से वेंडर्स ने भी राहत की संास ली है।
ऐसे होती है स्टाम्प की चोरी
माना कोई भूखंड 20 फीट चौड़ी रोड पर है तो उसे 10 फीट पर दिखा कर स्टांप की चोरी की जाती है। यदि किसी क्षेत्र में गाइड लाइन का रेट अधिक है तो पड़ोस की दूसरी बस्ती में दिखाकर शासन को चूना लगाया जाता है।
निर्मित भवन को फर्द दिखाकर स्टांप शुल्क की चोरी होती है।
सिंचित भूमि को असिंचित दिखाकर पंजीयन शुल्क में चोरी होती है। इसमें राजस्व विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता रहती है।
रिहायसी बस्ती में कृषि भूमि दिखाकर रजिस्ट्री कराने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
Published on:
17 Nov 2017 11:21 am
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