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खुदकुशी से पहले आखिरी शब्द, ‘दसवीं के बोझ ने मारा डाला मैं नहीं मरती अगर यह दसवीं नहीं होती’

बोर्ड परीक्षा शुरु होने से पहले ही फेल होने के डर से 10वीं की छात्रा ने की खुदकुशी

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मंदसौर. दसवीं के बोझ ने मारा डाला मैं नहीं मरती अगर यह दसवीं नहीं होती..ये वो आखिरी शब्द हैं जो दसवीं की एक छात्रा ने बोर्ड परीक्षा के डर से सुसाइड करने से पहले अपने सुसाइड नोट में लिखे। दिल दुखा देने वाली ये घटना मंदसौर जिले के गरोठ की है। पुलिस को घटनास्थल से एक 2 पेज का सुसाइड नोट और मोबाइल में रिकॉर्डिंग भी मिली है। बता दें कि प्रदेश में दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं बुधवार से शुरु हो रही हैं और बुधवार को हिंदी का पहला पेपर है।

फेल होने के डर से सुसाइड
जानकारी के मुताबिक गरोठ के खाती मोहल्ला में रहने वाली 15 साल की छात्रा ने घर में अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी की है। माता-पिता ने जब बेटी को फांसी के फंदे प झूलते देखा तो पुलिस को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को 2 पेज का सुसाइड नोट और छात्रा के मोबाइल में कॉल रिकॉर्डिंग मिली है। सुसाइड नोट में छात्रा ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में फेल होने का डर होने और सभी के चिढ़ाने के साथ ही मोटी होने का जिक्र भी किया है। वहीं छात्रा के मोबाइल में by by zindgi नाम से एक रिकॉर्डिंग सेव मिली है जिसमें उसने कहा है कि दसवीं के बोझ ने मार डाला मैं नहीं मरती अगर यह दसवीं नहीं होती।

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सुसाइड नोट में ये लिखा
सॉरी पापा मम्मी, अपनी मर्जी से अपनी जान दे रही हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी मैं खुद हूं। किसी को परेशान न किया जाए। मैं अपनी खुशी से खुदकुशी कर रही हूं। मैं बहुत ही परेशान हूं। दसवीं बोर्ड की वजह से। दसवी बोर्ड है..बोर्ड है..बोर्ड है, इसलिए मैं मरना चाहती हूं। अगर अच्छे नंबर नहीं आए तो सब चिढ़ाएंगे और मुझे यह मंजूर नहीं है। इसलिए मैं अपनी जान दे रही हूं। जब से मैं दसवी में आई हूं। तब से हमारे साथ कुछ शिक्षक भेदभाव करते है। मैं बोलती कि मुझे आता है, मुझसे पूछ लो तो भी नहीं पूछते हैं। वह कुछ लड़कियां है उन्हीं से पूछते हैं। मैं दसवी में आने के बाद से बहुत ही तनाव में हूं। बीच में यह लॉकडाउन लग जाने के कारण मुझे पढ़ाई में बहुत तकलीफ हो रही है। और मैं बार-बार बीमार हो जाती थी। तो बहुत खर्चा हो रहा था। अब मेरे चले जाने के बाद वो पैसे दक्षु को दे दिए जाएं। मैं कब से जहर खा लेती पर दक्षु की वजह से नहीं खा रही थी। पर अब नहीं रुकूंगी। अब मुझे नहीं जीना है। और मैं मोटी हूं तो सब मजाक बनाते थे। पर मोटी हूं। उसमें मेरी क्या गलती है। बाहर वालों का इतना बुरा नहीं लगता है पर मुझे घर वालों का ज्यादा बुरा लगता है। मैं अपनी खुशी से मर रही हूं। I love you mumy papa and all good by अब हमेशा के लिए सब खुश रहना। मैं जा रही हूं। जिंदगी खिलौने की तरह नहीं जीना है। मोटी हूं तो मुझे गर्व है क्योंकि भगवान ने मुझे ऐसा ही बनाया है। कितनी ही औरते हंसे मैं उनके घर खाने के लिए नहीं जा रही थी। दादा मुझसे सबसे अधिक प्यार करते थे। उसके बाद पापा और दक्षु। इसलिए जा रही हूं दादा के पास। मैं बहुत खुश हूं फोन में कुछ रिकार्ड किया है। सुन जरूर लेना। by by zindgi नाम से सेव किया है। दसवी के बोझ ने मारा डाला मैं नहीं मरती अगर यह दसवी नहीं होती।

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