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5वीं रामसर साइट बन सकता है मध्य प्रदेश का ये डैम, बायोडायवर्सिटी बोर्ड को भेजा गया प्रस्ताव

वन विभाग ने बायोडायवर्सिटी बोर्ड को भेजा प्रस्ताव: अब छह माह तक पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन करेगा रिसर्च। सबकुछ ठीक रहा तो गांधीसागर डैम प्रदेश की पांचवीं रामसर साइट बन सकता है।

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5वीं रामसर साइट बन सकता है मध्य प्रदेश का ये डैम, बायोडायवर्सिटी बोर्ड को भेजा गया प्रस्ताव

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर बांध प्रदेश की पांचवीं रामसर साइट के रूप में जल्द ही शामिल हो सकता है। इसका प्रस्ताव वन विभाग ने बायोडायवर्सिटी बोर्ड को भेजा था। परीक्षण के बाद बोर्ड ने इसे पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) को भेजा। एप्को ने इस पर रिसर्च शुरू कर दी है, जो करीब छह माह चलेगी। सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल ये रामसर साइट में शामिल हो सकता है।


यह होगी प्रक्रिया

पर्यावरण नियोजन और समन्वय संगठन अधिकारियों के अनुसार, वैज्ञानिक रिसर्च के बाद रिसर्च पेपर तैयार किया जाता है। वहां पाए जाने वाले हर जलीय जीव, पक्षी, वनस्पति की फोटो और डिटेल तैयार की जाती है। उसके बाद राज्य वेटलैंड प्राधिकरण प्रामाणिक डाटा को भारत सरकार के माध्यम से साइट पर अपलोड कर उसे रामसर साइट में शामिल करने को लेकर आवेदन करेगा।

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246 प्रजाति के पक्षी

मंदसौर डीएफओ आदर्श श्रीवास्तव के अनुसार गांधीसागर अभयारण्य अर्धशुष्क जैव भौगोलिक क्षेत्र में स्थित है। 2022 में की गई पक्षी गणना के अनुसार यहां 246 प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं। प्रवासी पक्षियों को भी यह जगह काफी भाती है। यहां करीब 70 से 100 प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं। यह संकटग्रस्त गिद्ध प्रजातियों का भी घर है। यहां 9 में से 7 गिद्ध प्रजातियां पाई जाती हैं। फरवरी 2021 में हुई गिद्ध गणना के अनुसार गांधीसागर में लगभग 619 गिद्ध पाए गए थे। इसके अलावा गांधी सागर के बैकवाटर में ऊदबिलाव और मगरमच्छ भी सैकड़ों की संख्या में हैं।

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प्रदेश में चार रामसर साइट अभी मौजूग

मध्यप्रदेश में अभी भोपाल, इंदौर और शिवपुरी में रामसर साइट हैं। वर्ष 2022 में इंदौर के सिरपुर तालाब और यशवंत सागर को तथा शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित सांख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा मिला था, जबकि भोपाल में 2002 में बड़ा तालाब को यह दर्जा दिया गया था।