9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी में दोस्त की आखिरी इच्छा पूरी करने उसकी अर्थी के सामने नाचा दोस्त…

Last Rites On DJ Tune : गाजे-बाजे के साथ निकली शख्स की अंतिम यात्रा। डीजे की धुन पर थिरकते नजर आए दोस्त। मौत से पहले शख्स ने दोस्तों को पत्र लिखकर जताई थी अंतिम इच्छा। अब वायरल हो रहा वीडियो।

2 min read
Google source verification
Last Rites On DJ Tune

DJ की धुन पर निकली शख्स की अंतिम यात्रा (Photo Source- Viral Video Screenshot)

Last Rites On DJ Tune : आमतौर पर यह देखा जाता है कि जब किसी की मृत्यु हो जाए तो उसके परिवार में शोक का माहौल रहता है। परिजन मृतक को रोते-बिलखते हुए अंतिम विदाई देते हैं, लेकिन हम आपको एक ऐसी मृत्यु के बारे में बता रहे हैं, जिसकी अंतिम विदाई नाचते-गाते डीजे और बैंड बाजे की धुन पर थिरकते हुए निकली है। हालांकि, मृतक के घर वालों को ऐसा करने का कोई शोक नहीं था। मृतक की अपने दोस्तों के सामने रखी गई अंतिम इच्छा को पूरी करते हुए दोस्तों के साथ गांव वालों ने डीजे-बैंड की धुन पर नाचते-गाते उन्हें अंतिम विदाई दी है।

हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के ग्राम जवासिया में रहने वाले सोहनलाल जैन नामक समाजसेवी की। लंबी बीमारी के बाद बुधवार को उनकी मृत्यु हो गई। बुजुर्ग के गांव में उनके दो बचपन के मित्र भी रहते हैं। बचपन से एक साथ पले-बढे। सोहनलाल जैन ने आज से 5 साल पहले 2021 में अपने एक मित्र को गोपनीय पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने दोस्तों से अंतिम इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने अपने दोस्तों से आग्रह किया था कि, जब भी उनकी मृत्यु हो तो वो रोते हुए उन्हें विदा न करें। बल्कि, खुश होते हुए नाचते गाते विदा करें।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

लेकिन, बुधवार को उनकी मृत्यु के बाद परिजन को उनके निजी संदूक से मित्रों के नाम लिखा पत्र मिला। ये बात सोहनलाल जैन ने अपने घर वालों से अंतिम समय में कही थी कि, जब उनकी मृत्यु हो जाए तो संदूक खोल लेना। घर वालों ने उनका संदूख खोला तो उसमें से पत्र निकला, जिसे पढ़ने के बाद घर के सदस्य उस पत्र को उनके दोनों दोस्तों के पास ले गए। पत्र जब दोस्तों ने पढ़ा तो वो बेहद भावुक हो उठे और ना चाहते हुए भी अपने दोस्त के जाने के दुख के बावजूद उसकी अंतिम मानते हुए नाचते-गाते उन्हें अंतिम विदाई दी।

दोस्तों को ये पत्र लिखकर जताई थी अंतिम इच्छा

बता दें कि, सोहनलाल जैन काफी धार्मिक प्रवृत्ति के समाज सेवक थे। उन्होंने 32 साल पहले गांव में प्रातः कालीन प्रभात फेरी और रामधन की शुरुआत की थी। अंबालाल प्रजापत और शंकर लाल पाटीदार नामक यह दोनों मित्र भी उनके रामधून और प्रभात फेरी के शुरुआती साथी रहे। सोहनलाल जैन स्कूली छात्रों का प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए भी स्वतंत्रता दिवस, शिक्षक दिवस और गणतंत्र दिवस पर स्कूलों के आयोजनों में भागीदारी करते रहे। उनके निधन के बाद उनके इस पत्र के खुलासे से पूरा गांव उन्हें विदा करने श्मशान घाट पहुंचा। गांव के लोगों ने उनकी अंतिम इच्छा अनुसार ही बैंड बाजा के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी।