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आयोग ने पूछा गोलीचालन की घटना हुई तब आप मौजूद थे, गवाह ने कहा… यहां पढ़े खबर

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kisan andolan ki jhanch

मंदसौर. न्यायिक जांच आयोग द्वारा दो दिनों तक छह जून की घटना को लेकर सुनवाई गुरुवार से शुरु हुई। आयोग के सामने २० प्रत्यक्षदर्शियों को गवाही देना थी। लेकिन १५ ही प्रत्यक्षदर्शियों ने बयान दर्ज करवाएं। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से अभिभाषक केके जोशी द्वारा प्रतिपरीक्षण भी किया गया। गुरुवार को भी २० प्र्रत्यक्षदर्शियों के बयान होगें। आयोग के समक्ष १७९ प्रत्यक्षदर्शियों ने शपथ पत्र दिया है।


देशी कट्टे नहीं, लाठियां देखी

गरोठ निवासी उत्तम ललवानी ने आयोग के समक्ष बयान दिया कि वह ६ जून २०१७ जेसलमेर के पास मोरखेड़ा में कुल देवी के दर्शन के लिए परिवार के साथ कार से जा रहे थे कि करीब ११ बजे बही चौपाटी पहुंचे। वहां पर करीब १५०० से २ हजार व्यक्ति खड़े थे। जाम लगा हुआ था। पत्थरबाजी हो रही थी और ट्रकों में आग लगाई जा रही थी। मंदसौर की और से पुलिस वाले गाड़ी से आए। पुलिस ने उग्र लोगों को शांत करने के लिए एलाउंस भी किया। लेकिन उग्र भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया। यह देख हम वापस मंदसौर की और आए। रास्ते में भी पथराव चल रहा था। उसके बाद एमआईटी चौराहा पर आए। और यहां से प्रतापगढ़ की और निकल गए। इसके बाद अभिभाषक केके जोशी द्वारा ललवानी से पूछा गया कि भीड़ के हाथों में देशी कट्टे एवं लाठियां थी। इस पर ललवानी ने कहा कि लाठियां देखी थी। इसके बाद आयोग ने पूछा कि जिस समय गोलीचालन की घटना हुई आप वहां थे। ललवानी ने कहा हम नहीं थे।


आयोग ने पूछा बही फाटे को बही चौपाटी क्यों कहते है
बाबूलाल ने बयान दिया कि उसकी बोतलगंज में दुकान है। वह दुकान का सामान लेने के लिए बाइक से पिपलियामंडी के लिए निकला। बही चौपाटी पर पहुंचा जहां अधिक भीड़ थी। इसलिए रुक गया। आयोग ने बाबूलाल से पूछा की बही फाटे को चौपाटी क्यों कहते है। जबकि वहां तो तीन ही रास्ते है। इस पर बाबूलाल ने कहा कि बही फंटा भी कहते और बही चौपाटी भी कहते है। इसके बाद बाबूलाल ने कहा कि वहां पर दो से ढाई हजार लोग थे। जो तोडफ़ोड़ कर रहे थे और जिन्होंने मुंह बंाध रखे थे। इसके बाद भगदड़ मची और मैं आ गया।

गोली चलने की आवाज आई और मैं निकल गया
नसरुद्दीन खान ने आयोग के सामने बताया कि बाइक से वह करीब १२ बजे पिपलियामंडी से मंदसौर के लिए निकला था। बही चौपाटी पहुंचा। जहां भीड़ जमा थी। करीब १६०० से १७०० लोगों की भीड़ थी। जिसमें ट्रकों को रोककर आग लगा रहे थे। पुलिस एलाउंस कर रही थी। लेकिन भीड़ के लोग नहीं मान रहे थे और पुलिस पर हमला कर दिया। इसके बाद गोली चलने की आवाज आई और मैं वहां से निकल गया। आयोग के समक्ष नितेश पाटीदार, पवन शर्मा सहित १५ लोगों ने बयान दिए। पांच लोग अनुपस्थित रहे। शुक्रवार को २० लोगों के बयान होगें।