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…और पंडित नेहरू के साथ आई इंदिरा ने रात ढाई बजे मंदसौर में की सभा

* पिता के साथ पहली बार मंदसौर की धरती पर रखा कदम तब डिग्री कॉलेज के लिए किया समर्थन * रात को पहुंची और पता चला कि लोग अब भी मौजूद तो रात ढाई बजे की थी सभा * मंदसौर जब भी आई इंदिरा गांधी तो भगवान पशुपतिनाथ का जलाअभिषेक करना नहीं भूली

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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का मंदसौर से गहरा नाता रहा है। वे यहां कई बार आई। कभी चुनाव प्रचार के लिए तो कभी अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने। एक बार आधी रात को 2.30 बजे वह मंदसौर पहुंची और जब उन्हें पता चला की अभी भी हजारों लोग मौजूद हैं तो उन्होंने रात को ही जनसभा की। रात्रि विश्राम मंदसौर में करने के बाद सुबह भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन कर जला अभिषेक किया और यहां से रवाना हुई थी। मंदसौर से हमेशा ही वह गहरा नाता बताती रही और जब भी मंदसौर आई पशुपतिनाथ महादेव का अभिषेक करने पहुंची।

इंदिरा गांधी के समर्थन से मंदसौर में खुला था डिग्री कॉलेज

1956 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मंदसौर आई थी। तब वह प्रधानमंत्री नहीं थी। राजनीति में जब उन्होंने कदम भी नहीं रखा तब वह पिता व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के साथ मंदसौर आई थी। तब मंदसौर में डिग्री कॉलेज के लिए आंदोलन चल रहा था तो उन्होंने समर्थन करते हुए कहा था कि मंदसौर में भी डिग्री कॉलेज होना चाहिए। इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मंदसौर में डिग्री कॉलेज खुला। जब वह पिता जवाहरलाल नेहरु के साथ आई तब मंदसौर में कांग्रेस का दंपत्ति कार्यकर्ता सम्मेलन था। दिनभर चले इस सम्मेलन में उन्होंने हिस्सा लिया था।

रात को 2.30 बजे भी इंदिरा ने की थी जनसभा तो मौजूद थे हजारों लोग

इसके बाद इंदिरा गांधी मंदसौर वर्ष 1972 में मार्च माह के पहले सप्ताह में राजनीतिक रुप में चुनाव प्रचार के लिए जनसभा करने आई थी। इंदिरा गांधी 24 नवंबर 1979 को मंदसौर आई थी और नूतन ग्राउंड में सभा हुई थी। दरअसल, 77 के चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई थी। मंदसौर से भी लोकसभा व विधानसभा में कांग्रेस को हार मिली थी। इसके बाद जून 1980 में चुनाव हुए थे। उसके पहले 24 नवंबर को आई थी। इंदिरा गांधी करीब 5 घंटे से अधिक समय देरी से रात को 2.30 बजे बाद मंदसौर पहुंची और रात में सभा की। इस सभा में गांधी ने मालवा और जिले से खास लगाव बताया था। उस दौर में गांधी के भाषण को सुनने के लिए लोग दूर-दराज से पहुंचते थे। इसमें संसदीय क्षेत्र की सातों सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी।

रात को सभा की सुबह भगवान का अभिषेक किया

कॉलेज मैदान में हुई सभा में सभी सातों उम्मीदवारों का परिचय कराया। सभा में इंदिरा गांधी के भाषण के लिए बड़ी संख्या में जनसमूह मौजूद था। सभा के बाद रात को विश्राम मंदसौर में ही किया। यानी 24-25 की मध्य रात में सभा हुई थी। 25 को पशुपतिनाथ पर जलाभिषेक व पूजन करने के बाद वह कार से रवाना हुई थी। उस समय इंदिरा गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष होने के साथ विपक्ष की नेता थी तब सभा का संचालन बालकवि बैरागी ने किया था।

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