
navratri 2025: पत्रिका Navratri special (फोटो: पत्रिका)
Navratri Special: नारी..मां दुर्गा का ही स्वरूप है। वह शक्ति है। अलग-अलग क्षेत्र में वे नजीर बना रही हैं। ऐसी ही नारी शक्ति हैं मंदसौर की अनामिका जैन। दुर्घटना में एक पैर से दिव्यांग हो गईं, पर हिम्मत नहीं हारी। मानसिक दिव्यांग महिलाओं के लिए आश्रय गृह बनाया। यहां उन्हें आश्रय देती हैं। उनके इलाज व पुनर्वास की व्यवस्था करती हैं। अब तक ४० महिलाओं का पुनर्वास किया।
अनामिका की मानें तो काउंसलिंग में यदि महिला परिवार का पता बताती है, तो टीम गूगल और कंट्रोल रूम की मदद से घरवालों के संपर्क ढूंढ़ती है। उन्हें परिवार से मिलाती है। हाल ही में असम की महिला का पुनर्वास किया। उसके पति अमरीका में रहते थे, माता-पिता असम में। भाषा की कठिनाई थी, फिर भी उसे परिवार से मिलवाया। अनामिका ने जरूरतमंद महिला का पुनर्वास किया तो बदल गई सूरत।
एमपी के मंदसौर जिले की अनामिका ने बताया, उन्होंने लव मैरिज की थी। सब ठीक चल रहा था। इसी साल जनवरी में पति प्रदीप जैन का निधन हो गया। इससे वे गहरे अवसाद में चली गईं। कई दिनों तक चल भी नहीं पा रही थीं। मार्च में उनका नाम पुरस्कार के लिए चुना गया। वे पुरस्कार लेने भी नहीं जा रही थ्ीां। तब प्रशासन और लोगों ने प्रेरित किया तो उन्होंने खुद को संभाला और फिर से सेवा का कार्य शुरू कर दिया।
मल्हारगढ़ तहसील के संजीत गांव की अनामिका महिला का इलाज करा लौट रही थीं। सड़क हादसे में वे एक पैर से दिव्यांग हो गईं। लेकिन हौसले की बदौलत सेवा का काम जारी रखा
-25 महिलाएं अभी आश्रय स्थल में
- 40 महिलाओं का कर चुकीं पुनर्वास
- 2024 में महिला दिवस पर अनामिका जैन को सीएम डॉ. मोहन यादव ने दिया रानी अवंतीबाई वीरता पुरस्कार।
Published on:
22 Sept 2025 10:32 am
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