
मंदसौर। क्या आपको भी लगता है कि आपका समय फिलहाल ठीक नहीं चल रहा है। कई प्रयासों के बावजूद आपके घर मां लक्ष्मी और खुशियों की दस्तक नहीं है, या फिर किस्मत आपसे रूठी हुई है, तो यह खबर आपके काम की साबित हो सकती है। जीहां इस खबर में हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे ही मंदिर की कहानी जहां आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां आइए और यहां से घड़ी अपने घर ले जाइए, आपका बुरा समय धीरे-धीरे अच्छे समय में बदल जाएगा। आपकी रूठी किस्मत संवर जाएगी। और जब खुशियां आपके घर में बसने लगे तो आप यहां घड़ी जरूर चढ़ाकर जाइए। यही कारण है कि इस मंदिर में चारों तरफ देखने पर सिर्फ घडिय़ां ही नजर आती हैं। यही नहीं श्रद्धालुओं का दावा है कि चाहे जो कोई मन्नत हो इस मंंदिर में कहने भर से ही बाबा आपकी हर मन्नत को हकीकत में बदल देते हैं।
आइए चलते हैं मंदसौर के सगस बावजी मंदिर
जीहां अगर आपने पहले से इस मंदिर के चर्चे सुन रखे हैं, तो आप इस मंदिर के चमत्कारों को जरूर जानते होंगे। और अगर आपको इस बारे में नहीं पता है, तो आइए हमारे साथ हम आपको लेकर चलते हैं सगस बावजी के इस मंदिर में जहां न कोई मूरत है न पुजारी सिर्फ सगस बावजी और आप...
मंदसौर में है यह अनोखा मंदिर
अनोखे चमत्कारों और वरदान के लिए जाना जाने वाला यह अनोखा मंदिर मध्यप्रदेश के रतलाम में है। जिला मुख्यालय से दूर जावरा के गांव लुहारी फंटा पर स्थित इस मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर महू-नीमच फोरलेन के बीचोंबीच डिवाइडर पर बना हुआ है। यह जानना अपने आप में ही खास इसलिए है कि फोरलेन से पहले यह मंदिर सड़क किनारे ही था। लेकिन जब फोरलेन का कार्य शुरू किया जाना था, तो यह मंदिर बीच में आ रहा था। इसे हटाने के कई प्रयास किए गए। स्थानीय लोग बताते हैं कि सगस बावजी का यह मंदिर सदियों से खजूर के पेड़ के नीचे बना हुआ है। जब फोरलेन नहीं था तब, यह मंदिर सड़क किनारे था, जब फोरलेन का काम शुरू किया गया तब, इस मंदिर को हटाने की भी कोशिश बहुत की गई। लेकिन मंदिर हटाने जब जेसीबी या अन्य मशीन यहां लाई जाती तो, वह या तो खराब हो जाती या उसमें ईंधन खत्म हो जाता था। यानि जब भी इस मंदिर को हटाने आते तो केवल निराशा ही हाथ लगती। यही नहीं का तो यह भी जाता है कि एक बार तो जेसीबी के अंदर सांप घुस जाने की घटना भी हुई। करीब तीन महीने तक इस मंदिर को हटाने के प्रयास किए गए। जब यह मंदिर नहीं हट पाया तो, कंपनी ने मंदिर को नहीं हटाने की शर्त ही छोड़ दी। और बाद में इसके दोनों साइड से फोरलेन को निकाल दिया गया।
समय सही करने वाली घडिय़ों का मंदिर
मान्यता है कि जब मन्नत पूरी हो जाती है, तो श्रद्धालु यहां घडिय़ां चढ़ा कर जाते हैं। यही नहीं यह भी माना जाता है कि किसी व्यक्ति का समय खराब चल रहा है। उसे लगता है कि उसकी किस्मत खराब चल रही है, उससे रूठी हुई है इसलिए उसे परेशानियों और संघर्षों से गुजरना पड़ रहा है। तो वह यहां से घड़ी ले जाता है। जैसे ही घड़ी घर में लगाई जाती है। एक चमत्कारिक असर नजर आने लगता है। घर में सकारात्मक परिवर्तन नजर आने लगते हैं। यानि घड़ी लगाते ही उस शख्स का अच्छा समय शुरू हो जाता है। जब भी उसे लगे कि उसकी परेशानियां अब कम हो गई हैं। मुश्किलें भी आसान हो रही हैं, तो वह यहां नई घड़ी चढ़ाकर जाता है और बाबा को धन्यवाद कहकर जाता है।
दुर्घटना से बचाते हैं बाबा
वाहनों से फोरलेन पर निकलने वाले यात्री यहां जरूर रुकते हैं और पूजा-पाठ करके यहां से निकलते हैं। इसके पीछे भी एक मान्यता है। दरअसल माना जाता है कि यहां दर्शन करने के बाद यात्रा सुखद रहती है। किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सकता है।
यहां बनते हैं बिगड़े काम
मान्यता यह भी है कि यहां आने वाले हर शख्स के बिगड़े काम संवरने लगते हैं। यदि किसी को संतान नहीं है तो यहां मन्नत मांगने के बाद उसकी गोद भर जाती है। किसी का विवाह नहीं हो पा रहा, तो यहां मान्यता से अच्छा वर या वधू का आशीर्वाद मिलता है। दावा किया जाता है कि चाहे जिस क्षेत्र की मुश्किल हो यहां आकर नष्ट हो जाती है। यही कारण है कि हजारों लोग यहां बाबा के आशीर्वाद के लिए पहुंचते हैं।
सिगरेट से खुश होते है बाबा
यहां आने वाले श्रद्धालु सगस बावजी को माला-फूल और नारियल चढ़ाते हैं। इसके साथ ही बाबा के दरबार में अगरबत्ती भी लगाई जाती है। लेकिन यहां यह भी मान्यता मशहूर है कि यहां बाबा को सिगरेट जरूर चढ़ाएं। सिगरेट चढ़ाने से बाबा खुश होते हैं। यही कारण है कि यहां आने वाले भक्त अगरबत्ती के साथ-साथ भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार 1 रुपए से लेकर महंगी सिगरेट तक चढ़ाते हैं।
ट्रक ड्राइवर जरूर टेकते हैं माथा
आपको बता दें कि इस मंदिर में बाबा के आशीर्वाद के लिए हर दिन 700 से ज्यादा श्रद्धालु माथा टेक कर जाते हैं। इनमें रतलाम जिले के अलावा अन्य राज्यों के वाहन यात्री भी शामिल हैं। वहीं ट्रक ड्राइवर विशेष रूप से यहां भगवान के दर्शन के लिए रुकते हैं।
न कोई मूरत न कोई पुजारी
इस मंदिर के चमत्कार यहीं खत्म नहीं होते क्योंकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इतने चमत्कार करने वाले इस मंदिर में किसी देवी या देवता की न तो मूर्ति है और न ही तस्वीर। और न ही कोईपुजारी इस मंदिर की सेवा करता है। यहां होते हैं सिर्फ बाबा और हजारों घडिय़ों से अटे बाबा के दरबार में सिर्फ श्रद्धालु ही नजर आते हें। फिर भी लोग यहां आते हैं और माथा टेककर अपनी मन्नतें मांगते हैं। इस मंदिर का नाम सगस बावजी मंदिर है। सगस बावजी से मतलब यक्ष ह और यक्ष का अर्थ है धन की रक्षा करने वाला। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि सगस बावजी को ही शास्त्रों में यक्ष कहा गया है। वे धन की रखवाली करते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि यहां पर यक्ष साकार रूप में दिखाई देते हैं और भटके हुए लोगों को रास्ता दिखाते हैं। इसलिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं, ताकि वे सही दिशा पा सकें और उनकी जिंदगी के दुख दूर हो सकें।
यह भी है बड़ी रोचक बात
जब मंदिर में घडिय़ों का ढेर लग जाता है तो उन्हें पास ही स्थित नदी में बहा दिया जाता है। इस मंदिर में घडिय़ों का इतना ढेर होने के बाद भी कभी यहां ताला नहीं लगाया जाता है। कहते हैं कि एक बार एक व्यक्ति ने यहां से 5 घड़ी चोरी कर ली थीं तो, उसकी आंखों की रोशनी चली गई थी, जब उसने मंदिर में 10 घडिय़ां भेंट कीं तब जाकर, उसकी आंखें ठीक हुईं।
Published on:
01 Dec 2022 03:39 pm
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