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जिस बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे परिजन, उसे तीन दिन पहले ही दफना चुकी थी पुलिस, जानें पूरा मामला

लावारिस लाश की पुष्टि होने पर एसडीएम से परमिशन लेकर लाश को दोबारा कब्र से बाहर निकाला गया और परिजन के सुपुर्द किया गया।

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जिस बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे परिजन, उसे तीन दिन पहले ही दफना चुकी थी पुलिस, जानें पूरा मामला

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के अंतर्गत आने वाली शामगढ़ थाना पुलिस ने जिस युवक की लाश को तीन दिन पहले लावारिस समझकर दफनाया था, अब उसके परिजन की मदद से उसकी पहचान हो गई है। लावारिस लाश की पुष्टि होने पर एसडीएम से परमिशन लेकर लाश को दोबारा कब्र से बाहर निकाला गया और परिजन के सुपुर्द किया गया।

बताया जा रहा है कि मृतक की पहचान तब हुई जब उसके पिता करीब हफ्ते भर से लापता अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे। जब पुलिस ने दफनाए गए युवक की फोटो पिता को दिखाया तो पिता ने बेटे को पहचान लिया।

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पुलिस ने लावारिस मानकर दफ्नाई लाश

मामले को लेकर शामगढ़ थाना प्रभारी राकेश चैधरी का कहना है कि 6 दिसंबर की रात करीब 2 बजे ग्राम धामनिया के पास रेलवे ट्रेक पर करीब 32 वर्षीय युवक की लाश मिली थी। जांच के अनुसार, युवक की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई थी। लंबी पड़ताल के बाद जब उसकी कोई शिनाख्त न हो सकी तो पुलिस ने उसका पोस्टमार्टम कराकर तीन दिन के लिए शव को अस्पताल की मर्चुरी के फ्रीजर में रखवा दिया। इसके बाद भी जब लाश की कोई पहचान न हो सकी तो पुलिस द्वारा 10 दिसंबर को लाश दफना दी गई।


ऐसे हुआ खुलासा

मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब बरखेड़ाउदा निवासी कन्हैयालाल मीणा घर से गायब बेटे जोरावर सिंह की गुमशुदगी दर्ज करवाने थाने पहुंचे। इसपर पुलिस ने उन्हें लावारिस मानकर दफनाए गए युवक का फोटो दिखाया, जिसे पिता कन्हैयालाल ने अपने बेटे जोरावर सिंह के रूप में पहचान लिया। बाद में पुलिस ने एसडीएम की परमिशन लेकर शव को कब्र से निकलवाया और परिजन के सुपुर्द किया।

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एसडीएम के आदेश पर निकाली लाश

लाश की पहचान होने के बाद लाश को उसके परिजन को अंतिम संस्कार के लिए सौंपना था। इसपर थाना प्रभारी चौधरी ने एसडीएम रविंद्र परमार से कब्र को खुदवाकर लाश निकालने की परमिशन ली। परमिशन मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में शव को निकलवाया गया और उसे परिजन के सुपुर्द किया गया। टीआई चैधरी के मुताबिक, मृतक शराब पीने का आदी था। फिलाहल, इस मामले की जांच चल रही है।