14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रेटिंग एजेंसी: एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को अपने नियंत्रण में ले सकती है सरकार

एजेंसी का कहना है कि सरकार को अगले 12 महीनों में लोकसभा के साथ कई राज्यों में चुनावों का सामना करना है। एेसे में महंगाई को काबू करने के लिए कड़े कदम उठा सकती है।

2 min read
Google source verification
Petrol Diesel Price

MP में यहां खुलेआम बनाया जा रहा है नकली डीजल,पेट्रोल-डीजल लेने से पहले जरूर पढ़ें ये खबर

नई दिल्ली।पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान केंद्र सरकार आम जनता को राहत देने के लिए इनकी कीमतों को फिर से अपने नियंत्रण में ले सकती है। यह संभावना ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने जताई है। एजेंसी ने कहा है कि इस समय देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर हैं। इसको लेकर आम जनता में सरकार के प्रति भारी गुस्सा है। इससे गुस्से को कम करने के लिए सरकार तेल की कीमतों को अपने नियंत्रण में लेकर खुदरा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी कर सकती है। एजेंसी का कहना है कि भारत इस समय अपनी जरुरत का करीब 80 फीसदी क्रूड ऑयल आयात करता है। लेकिन क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी और हाल ही में रुपए की कीमत में करीब 10 फीसदी तक की गिरावट से उपभोक्ताओं को महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

इसलिए सरकार उठा सकती है इतना बड़ा कदम

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी के विश्लेषक विशाल कुलकर्णी का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों के कारण उपभोक्ताओं पर दबाव पड़ रहा है और यदि इनमें कमी नहीं होती है तो महंगाई बढ़ सकती है। कुलकर्णी का कहना है कि अगले 12 महीने में केंद्र सरकार को कई राज्यों के साथ लोकसभा चुनावों का सामना करना है। एेसे में महंगाई बढ़ने की संभावना को टालने के लिए केंद्र सरकार फिर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को अपने नियंत्रण में ले सकती है।

अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकती है सरकार

हालांकि, रेटिंग एजेंसी के विश्लेषक विशाल कुलकर्णी का कहना है कि उन्हें भारत में 2014 से पहले के सब्सिडी तंत्र के वापस लौटने की उम्मीद नहीं है। कुलकर्णी का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों के कारण बढ़ने वाली महंगाई को रोकने के लिए केंद्र सरकार दूसरे कदम उठा सकती है। इनमें अन्य तरीकों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी लाना भी शामिल है। आपको बता दें कि पेट्रोल को 2010 और डीजल को 2014 की सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया गया था।