कुल 5,361 करोड़ रुपए की निकासी की
हालांकि अक्टूबर 2018 में उन्होंने 38,900 करोड़ रुपए की निकासी की थी। डिपॉजिटरीज के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने जनवरी में शेयर बाजारों से 5,264 करोड़ रुपए और ऋण बाजार से 97 करोड़ रुपए की निकासी की। इस प्रकार उन्होंने पूंजी बाजार से कुल 5,361 करोड़ रुपए की निकासी की।
निवेशकों ने अपनाई ‘इंतजार करो और देखो’ की रणनीति
इस संजर्भ में जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि, ‘निवेशक आगामी लोकसभा चुनाव और वैश्विक संकेतों पर अपना ध्यान लगाए हुए हैं। इसी के चलते निवेश को लेकर उनका रुख सावधानी भरा है।’ मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई निवेश के लिहाज से यह साल की अच्छी शुरुआत नहीं है। यह साफ दिखाता है कि निवेशक भारत के प्रति ‘इंतजार करो और देखो’ की रणनीति अपनाए हुए हैं जिसे वह लंबे समय से बनाए हुए हैं।
(ये कॉपी भाषा से ली गई है।)
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