
Gold can go upto 45000 and silver can upto 60000 in 2020
नई दिल्ली।ईरान और अमरीका के बीच टकराव ( Confrontation Between Iran and USA ) से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव से शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमत ( gold and silver price ) में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। भारत के वायदा और हाजिर बाजार में पीली धातु कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर चली गई। वहीं, विदेशी बाजार में सोने का भाव चार महीने के ऊंचे स्तर पर चला गया है। अब अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है जो इसका पूरी वर्ल्ड इकोनॉमी में दिखाई देगा। जानकारों की मानें तो इस टेंशन की वजह से निवेशक सोने में निवेश करते हुए दिखाई दे सकते हैं। जिसका असर भारतीय बाजारों में भी देखने को मिलेगा। एक अनुमान के अनुसार देश में 2020 में सोना और चांदी की कीमत क्रमश: 45 हजार और 60 हजार रुपए जा सकते हैं।
आखिर क्यों बढ़ते हैं सोने के दाम
जब दुनिया में भू राजनीतिक संकट, युद्घ या फिर ट्रेड वॉर जैसी स्थिति पैदा होती है तो सोने के दाम में इजाफा शुरू हो जाता है। वास्तव में ऐसी परिस्थितियों में निवेशक सोने की ओर मूव करते हैं। जिसकी वजह से सोने की डिमांड बढ़ जाती है। जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती है, वैसे-वैसे कीमतों में इजाफा होता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों की मानें तो दुनिया के 14 देशों ने अपने स्वर्ण भंडार में इजाफा किया है। यह भंडारण 1 टन या उससे ज्यादा का है। इन 14 देशों में भारत का नाम भी शामिल है।
2020 में यह बन रहे हैं कारण
- इस साल भू-राजनैतिक घटनाओं की वजह से निवेशकों की चिंताओं का बढऩा।
- दुनियाभर में ब्याज दरों के नीचे रहेंगी। जिसका असर शेयर बाजारों में दिखाई देगा और सोने के दाम में इजाफा होगा।
- इस साल अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव होंगे, जिसका परिणाम सोने के दाम में दिखाई देगा।
- इस साल भी भारत समेम चीन, रूस जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था सोने के भंडारण में इजाफा कर सकती हैं।
एक साल में 10 हजार बढ़ गए सोने के दाम
एक साल में सोले के दाम में काफी इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा 10 हजार रुपए तक का देखने को मिल रहा है। आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2019 की शुरुआत में भारत के वायदा बाजार में सोना 31 हजार से 32 हजार रुपए के बीच में था। जून में कीमत बढ़ी और मांग में कमी आने लगी। रुपए में कमजोरी और बजट में कस्टम ड्यूटी बढ़ाने के बाद घरेलू बाजार में सोना 35 से 36 हजार रुपए के आसपास आ गया। उसके बाद अमरीका और चीन के बीच ट्रेड चल रहे ट्रेड वॉर के कारण निवेशकों का रुख सोने में रहा। मांग बढ़ी और विदेशी बाजारों में सोना और चांदी की कीमत में लगातार इजाफा होता रहा। जिसका भारत के वायदा बाजारों में भी दिखाई दिया।
45 हजार तक जा सकता है सोना
केडिया कमोडिटीज के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया का कहा है कि वैश्विक तनाव की वजह जैसे ब्रेक्जिट, आर्थिक मंदी, केंद्रीय बैंकों द्वारा ईटीएफ में निवेश, डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी, जियो पॉलिटिकल टेंशन से सोने के दाम में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है। ऐसी परिस्थितियों में सोना सुरक्षित निवेश समझा जाता है। जिसकी वजह से मांग बढ़ती है और दाम भी बढ़ते हैं। 2020 में सोना 45 हजार रुपए तक आ सकते हैं। केडिया के अनुसार सोने के दाम में यह तेजी एक दो साल के लिए नहीं बल्कि 3 से 5 साल के लिए रह सकती है। वहीं चांदी की बात करें तो चांदी में लोग सोने से ज्यादा निवेश कर सकते हैं। 2020 में चांदी 60000 तक पहुंच सकती है। यह आंकड़ा 75 हजार प्रति किलो तक भी पहुंच सकता है।
Updated on:
04 Jan 2020 02:23 pm
Published on:
04 Jan 2020 02:21 pm
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