
नई दिल्ली। नवरात्र के दिन चल रहे हैं। सभी अपने घरों में रोजाना देवी मां की पूजा अर्चना कर रहे हैं। यही पूजा और अर्चना की थाली भक्तों को काफी महंगी पड़ रही है। वास्तव में देश में महंगाई इस स्तर पर पहुंच गई है कि अब उसका असर पूजा की थाली पर भी पडऩे लगा है। वास्तव में लोगों की पूजा थाली सजाने में 300 रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्याज, टमाटर, लहसुन की महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को अब इस त्योहारी सीजन में चीनी, चना उड़द समेत कई जरूरी वस्तुओं के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है।
पूजा की थाली भी हुई महंगी
नवरात्र का त्योहार शुरू होते ही खासतौर से पूजा में काम आने वाली वस्तुओं में फूल और नारियल के दाम में जोरदार इजाफा हुआ है। दिल्ली में फूल का भाव जो चार दिन पहले 50-70 रुपए प्रति किलो था वह अब 200-300 रुपए प्रति किलो हो गया है। वहीं, 20 रुपए में बिकने वाला नारियल अब 25-30 रुपए बिकने लगा है। मखाना का भाव 800 रुपए प्रति किलो है। इसमें भी 50 रुपए प्रति किलो का इजाफा हुआ है। त्योहारी सीजन चीनी और चने कीमतों में भी इजाफा हुआ है।
सरकारी वेबसाइट के अनुसार कीमतें
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई खुदरा कीमतों सूची के अनुसार, चीनी का दाम बीते एक महीने सिर्फ एक रुपया प्रति किलो की वृद्धि हुई है, लेकिन कारोबारी ने बताया कि बीते एक महीने में चीनी का थोक भाव तकरीबन 300 रुपए प्रति कुंटल बढ़ गया है। मंत्रालय की कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में एक सितंबर को चीनी का खुदरा मूल्य 39 रुपए प्रति किलो था जबकि 30 सितंबर को 40 रुपए प्रति किलो। वहीं, दिल्ली के चीनी कारोबारी सुशील कुमार ने बताया कि देश की राजधानी में सोमवार को चीनी का थोक भाव 3,780-3,930 रुपए प्रति कुंटल था जबकि खुदरा भाव 42-47 रुपए प्रति किलो चल रहा था।
दालों की कीमतों में भी हुआ इजाफा
मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में चना एक सितंबर को 73 रुपए प्रति किलो था जबकि 30 सितंबर को 74 रुपए प्रति किलो। उड़द की दाल एक महीने में 84 रुपए से बढ़कर 87 रुपए प्रति किलो हो गई है। दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में चने का भाव मंगलवार को 4,350 रुपए प्रति कुंटल था। कारोबारियों ने बताया कि पिछले एक महीने में चने के भाव में 200 रुपए से ज्यादा का इजाफा हुआ है। कारोबारियों ने बताया कि सितंबर में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण सब्जियों की फसल नष्ट होने के कारण दाल की खपत बढ़ गई है और चना इस समय सबसे सस्ती दाल है जिसका उपयोग बेसन के रूप में अब ज्यादा होने लगा है क्योंकि मटर की दाल चने से महंगी है।
Published on:
01 Oct 2019 06:59 pm
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