
Oil companies are supplying more for security forces in Ladakh
नई दिल्ली। गलवान हिंसा ( Tension in Galwan Valley ) के बाद एलएसी ( Line of Actual Control ) पर स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ गई है। ऐसे में कभी भी और कैसी भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसी ही स्थिति से निपटने के लिए सेना के साथ ऑयल कंपनियों ( Oil Companies ) की ओर से भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भारतीय सेना ( Indian Army ) के वाहनों के लिए ऑयल कंपनियों ने फ्यूल सप्लाई ( Fuel Supply ) को बढ़ा दिया है। साथ ही ऑयल का स्टॉक ( Oil Stock ) भी बढ़ा दिया है। साधारण वाहनों के साथ ऑयल कंपनियों द्वारा जेट फ्यूल ( Jet Fuel ) का भी इंतजाम करना शुरू कर दिया है।
पेट्रोल और डीजल के साथ जेट फ्यूल भी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि इंडियन ऑइल जम्मू से रोजाना 100 टैंकर्स लद्दाख की ओर जा रहे हैं। जालंधर और संगरूर स्टोरेज से भी पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल और केरोसीन की सप्लाई करगिल, लेह और बाकी पोस्ट पर लगातार भेजी जा रही है। जानकारी के अनुसार यह सप्लाई पंजाब स्थित भटिंडा की हिंदुस्तान पेट्रोलियम रिफाइनरी से भेजी जा रही।
मानसून से पहले ज्यादा से ज्यादा सप्लाई
वैसे सेना की ओर से पेट्रोल और डीजल, जेट फ्यूल और बाकी जरूरी सामानों का भंडार शुरू दिया जाता है। ताकि सर्दियों में जिंदगी थमने से किसी तरह की दिक्कत और परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके विपरीत इस बार इन तमाम सामानों केभ् भंडार को 10 से 12 फीसदी तक बढ़ाया गया है।
फ्यूल की डिमांड कम
वहीं ऑयल कंपनियों को भी सेना के लिए ऑयल स्टॉक बढ़ाने में इसलिए परेशानी नहीं हो रही है कि क्योंकि देश में कोरोना वायरस की वजह पाबंदियों के कारण फ्यूल की डिमांड कम है। ऑयल कंपनियां मानसून से पहले ज्यादा से ज्यादा सप्लाई करने के मूड में है, ताकि जम्मू-श्रीनगर-कारगिल-लेह और मनाली-लेह रूट बाधित हो सकता है।
Updated on:
21 Jun 2020 04:14 pm
Published on:
21 Jun 2020 04:06 pm
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