इसलिए सस्ते होंगे पेट्रोल-डीजल बाजार के जानकारों के अनुसार, अमरीका ने भारत समेत आठ देशों को ईरान से कच्चा तेल खरीदने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा, ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध के कारण पड़ने वाले असर से निपटने के लिए सऊदी अरब ने भी कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी कर दी है। इससे कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इसके अलावा ईरान से तेल आयात जारी रहने के कारण भारत का तेल संकट टल गया है, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की कोई संभावना नहीं दिख रही है। आपको बता दें कि भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा बड़ा उपभोक्ता देश है। भारत अपनी कुल जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है।
15 दिन में 2.50 रुपए सस्ता हुआ पेट्रोल कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट का भारतीय उपभोक्ताओं को भी फायदा मिल रहा है। करीब 25 दिनों से देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है। यदि बीते 15 दिनों की बात करें तो देश की राजधानी दिल्ली में इस अवधि में पेट्रोल की कीमतों में करीब 2.50 रुपए की कटौती हुई है। बाजार के जानकारों के अनुसार, यदि यह कटौती एेसे ही जारी रहती है तो इस माह पेट्रोल-डीजल 5 रुपए तक सस्ते हो जाएंगे।
घरेलू वायदा बाजार में भी गिरे कच्चे तेल के भाव घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल का नवंबर वायदा अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 68 रुपए यानी 1.53 फीसदी की गिरावट के साथ 4,363 रुपए प्रति बैरल पर बंद हुआ। इससे पहले कारोबारी सप्ताह के अंतिम सत्र में कच्चे तेल का भाव 4,300 रुपए के मनोवैज्ञानिक स्तर से लुढ़ककर 4,297 रुपए प्रति बैरल तक आ गया। करीब एक महीने में एमसीएक्स पर कच्चे तेल का भाव करीब 1,300 रुपए प्रति बैरल लुढ़का है।