21 दिनों में 11 डॉलर प्रति बैरल टूटे कच्चे तेल के दाम पिछले 21 दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल का भाव करीब 11 डॉलर प्रति बैरल टूट चुका है और तेल बाजार विश्लेषक फिलहाल नरमी रहने की उम्मीद कर रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल और डीजल के भाव में और कमी आ सकती है। एंजेल ब्रोकिंग के ऊर्जा विशेषज्ञ अनुज गुप्ता का कहना है कि कच्चे तेल के दाम में जो पिछले कुछ दिनों से गिरावट आई है वह मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर सुस्त रहने के अनुमान के बाद तेल की खपत में कमी आने के अंदेशे से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि बहरहाल, अमरीका में तेल भंडार में इजाफा होने से भी कीमतों में सुस्ती आई। उधर, सऊदी अरब ने भी तेल का उत्पादन बढ़ाने की बात कही है।
अमरीका में बढ़ा कच्चे तेल का भंडार अमरीकी एजेंसी एनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका में कच्चे तेल का भंडार 63 लाख बैरल की बढ़त के साथ 42.27 करोड़ बैरल हो गया। पिछले पांच सप्ताह से लगातार अमरीका में कच्चे तेल के भंडार में इजाफा हो रहा है। गुप्ता ने कहा कि लेकिन मुख्य वजह खपत में कमी आने की आशंका है जो अभी बनी रहेगी और निकट भविष्य में तेल के दाम में नरमी बनी रह सकती है। उन्होंने कहा कि ब्रेंट क्रूड में निकट भविष्य में 72-74 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार देखने को मिल सकता है। वहीं, डब्ल्यूटीआई में 62-63 डॉलर तक लुढ़क सकता है।
लंबी अवधि में बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम हालांकि, गुप्ता ने लंबी अवधि में फिर तेजी आने की बात कही। उन्होंने कहा कि अमरीका में सर्दियों में तेल की खपत बढ़ने से कीमतों में मजबूती आएगी। इसके अलावा, कच्चे तेल के भाव में गिरावट पर चीन अपनी खरीदारी बढ़ा सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल में नरमी आने से बीते आठ दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 1.73 रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ है। वहीं, डीजल का दाम 89 पैसे प्रति लीटर कम हुआ है। पेट्रोल और डीजल की महंगाई से लोगों को राहत दिलाने के लिए चार अक्टूबर को केंद्र सरकार ने तेल के दाम में 2.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की थी जिसके बाद दिल्ली में पांच अक्टूबर को पेट्रोल का दाम घटकर 81.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल 72.95 रुपए प्रति लीटर हो गया था।