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कच्चे तेल में नरमी के आसार, दिवाली से पहले सस्ते हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल

locationनई दिल्लीPublished: Oct 26, 2018 07:54:01 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

पिछले 21 दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल का भाव करीब 11 डॉलर प्रति बैरल टूट चुका है।

petrol diesel price

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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते दिनों कच्चे तेल के दाम में आई नरमी से त्योहारी सीजन में भारतीय उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। पेट्रोल और डीजल के दाम में रोज कमी हो रही है। वाहन ईंधन सस्ता होने से आगे माल-भाड़ा में कमी आएगी, जिसके फलस्वरूप जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो सकती है। जानकारों का कहना है अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य फिलहाल कच्चे तेल में नरमी का संकेत देता है, लेकिन यह नरमी अल्पावधि के लिए होगी, क्योंकि ईरान पर चार नवंबर से अमरीकी प्रतिबंध लगने के बाद परिदृश्य में बदलाव आने की संभावना है। इसके अलावा, सर्दियों में अमरीका में कच्चे तेल की खपत मांग बढ़ने और गिरावट पर चीन की खरीदारी बढ़ने की सूरत में दोबारा तेजी का रुख बन सकता है।
21 दिनों में 11 डॉलर प्रति बैरल टूटे कच्चे तेल के दाम

पिछले 21 दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल का भाव करीब 11 डॉलर प्रति बैरल टूट चुका है और तेल बाजार विश्लेषक फिलहाल नरमी रहने की उम्मीद कर रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल और डीजल के भाव में और कमी आ सकती है। एंजेल ब्रोकिंग के ऊर्जा विशेषज्ञ अनुज गुप्ता का कहना है कि कच्चे तेल के दाम में जो पिछले कुछ दिनों से गिरावट आई है वह मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर सुस्त रहने के अनुमान के बाद तेल की खपत में कमी आने के अंदेशे से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि बहरहाल, अमरीका में तेल भंडार में इजाफा होने से भी कीमतों में सुस्ती आई। उधर, सऊदी अरब ने भी तेल का उत्पादन बढ़ाने की बात कही है।
अमरीका में बढ़ा कच्चे तेल का भंडार

अमरीकी एजेंसी एनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका में कच्चे तेल का भंडार 63 लाख बैरल की बढ़त के साथ 42.27 करोड़ बैरल हो गया। पिछले पांच सप्ताह से लगातार अमरीका में कच्चे तेल के भंडार में इजाफा हो रहा है। गुप्ता ने कहा कि लेकिन मुख्य वजह खपत में कमी आने की आशंका है जो अभी बनी रहेगी और निकट भविष्य में तेल के दाम में नरमी बनी रह सकती है। उन्होंने कहा कि ब्रेंट क्रूड में निकट भविष्य में 72-74 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार देखने को मिल सकता है। वहीं, डब्ल्यूटीआई में 62-63 डॉलर तक लुढ़क सकता है।
लंबी अवधि में बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

हालांकि, गुप्ता ने लंबी अवधि में फिर तेजी आने की बात कही। उन्होंने कहा कि अमरीका में सर्दियों में तेल की खपत बढ़ने से कीमतों में मजबूती आएगी। इसके अलावा, कच्चे तेल के भाव में गिरावट पर चीन अपनी खरीदारी बढ़ा सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल में नरमी आने से बीते आठ दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 1.73 रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ है। वहीं, डीजल का दाम 89 पैसे प्रति लीटर कम हुआ है। पेट्रोल और डीजल की महंगाई से लोगों को राहत दिलाने के लिए चार अक्टूबर को केंद्र सरकार ने तेल के दाम में 2.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की थी जिसके बाद दिल्ली में पांच अक्टूबर को पेट्रोल का दाम घटकर 81.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल 72.95 रुपए प्रति लीटर हो गया था।
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