
नई दिल्ली। आर्थिंक मंदी का शोर पूर देश में सुनाई दे रहा है। अब तो वैश्विक रूप में भी इसकी धमक दिखने लगी है। रूस, अमरीका, ब्रिटेन और बाकी आर्थिक महाशक्तियां इसकी चपेट में आ रही हैं। खबर काफी बुरी है, लेकिन इसी में एक अच्छी बात भारत के लोगों के लिए है। इसी आर्थिक मंदी की वजह से देश के लोगों को बड़ा फायदा होने जा रहा है। अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आधे हो सकते हैं। जानकारों की मानें तो आर्थिक मंदी के गहराने से ग्लोबली क्रूड ऑयल की डिमांड कम हो जाएगी। जिसकी वजह से कच्चे तेल के दाम 20 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकते हैं। जिसका असर स्थानीय स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दिखाई दे सकता है। आपको बता दें कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा तेल आयातकों में से एक है।
आखिर कैसे बात आई सामने?
वास्तव में एक अंग्रेजी मीडिया को दिए इंटरव्यू में रियल विजन ग्रुप के सीईओ राउल पैल ने क्रूड ऑयल की कीमतों के कम होने की संभावना हो प्रकट किया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मौजूदा समय में क्रूड ऑयल में रिकवरी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी ओर मार्केट चार्ट पर गौर करें तो डिफ्लेशन और ग्लोबली डिमांड घटने के भी संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने अनुमान लगाकर कहा कि क्रूड ऑयल की कीमत 45 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती हैं। उनके अनुसार क्रूड ऑयल के दाम 30 या 20 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकते हैं। उन्होंने भारत के लिहाज से कहा कि यह भारतीयों के लिए अच्छी खबर इसलिए है क्योंक डिमांड गिरते ही कीमतें भी कम होने लगती हैं। वैसे भी भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक देश है।
अगर ऐसा हुआ तो क्या होंगी पेट्रोल और डीजल की कीमत?
भारतीय एक्सपर्ट्स की बात करें तो अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। एंजेल ब्रोकिंग एंड कमोडिटी एंड रिसर्च के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया कि अगर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम 20 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचते हैं तो सरकार के सभी टैक्स और सब मिलाकर पेट्रोल के दाम 30 रुपए से 40 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं। वहीं डीजल की बात करें तो इसके दाम भी 25 रुपए प्रति लीटर पर आ सकते हैं। लेकिन यह दाम कितने दिनों तक रहेंगे यह कहा नहीं जा सकता। क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम रोजाना बदलते हैं। उसी के अनुसार पेट्रोल और डीजल के दाम में रोज बदलाव होता है।
पहले भी सस्ता हो चुका है क्रूड ऑयल
क्रूड ऑयल की कीमतों में बड़ी गिरावट पहले भी आ चुकी है। 2016 जनवरी में डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल प्राइस 36 डॉलर के आसपास पहुंचे थे। जबकि 2014 जून में इसी के दाम 113 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गए थे। अगर बात पेट्रोल और डीजल की बात करें तो जून 2014 में नई दिल्ली में औसतन पेट्रोल का दाम 72 रुपए प्रति लीटर था। जबकि जब 2016 में क्रूड ऑल 36 रुपए था तो पेट्रोल के दाम 44 रुपए प्रति लीटर के आसपास था। मतलब साफ है कि क्रूड ऑयल के दाम कम होते हैं तो पेट्रोल अैर डीजल के दाम कम होते है और क्रूड ऑयल के दाम बढ़ते हैं तो पेट्रोल डीजल के दाम भी बढ़ते ही हैं।
मौजूदा समय में क्या हैं क्रूड ऑयल के दाम
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के नवंबर डिलीवरी अनुबंध में 61.14 डॉलर प्रति बैरल पर है। वहीं, न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमरीकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई के अक्टूबर डिलीवरी अनुबंध में 56.11 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा है। वहीं अमरीका में कच्चे तेल का भंडार लगातार चौथे सप्ताह घटा है। अमरीकी एजेंसी एनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी ईआईए की रिपोर्ट के अनुसार, छह सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में कच्चे तेल के भंडार में 69 लाख बैरल की कमी आई। ईआईए के अनुसार, अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 41.61 करोड़ बैरल रिकॉर्ड किया गया जो कि अक्टूबर 2018 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
Updated on:
18 Sept 2019 03:16 pm
Published on:
13 Sept 2019 01:15 pm
बड़ी खबरें
View Allबाजार
कारोबार
ट्रेंडिंग
