
पेट्रोल पर चुनावी मेहरबानी, यूपी की 53 सीटों से ज्यादा प्यारी हैं दिल्ली की सात सीटें
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले यानी आज 11 मई 2019 को नई दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 48 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है। 12 मई को दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। ताज्जुब की बात तो ये है कि अब तक हुए पांच चरणों के मतदान में मात्र पांचवे चरण में देखने को मिला है कि मतदान से एक दिन पहले पेट्रोल की कीमत में कटौती हुई है। जब बाकी पहले चार चरणों के मतदान में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं देश के लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य यूपी में 53 सीटों पर मतदान हो चुके हैं। उसके बाद भी पेट्रोल के दाम में कटौती देखने को नहीं मिली। लेकिन 12 मई को मतदान से पेट्रोल पर चुनावी मेहरबानी हुई है। यानी यूपी की 53 सीटों से दिल्ली की 7 सीटें ज्यादा प्यारी हैं।
दिल्ली में पेट्रोल पर पांच महीने की सबसे बड़ी गिरावट
11 मई को पेट्रोल के दाम में दिल्ली में 5 महीने की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 28 नवंबर को पेट्रोल के दाम में 50 पैसे प्रति लीटर की कटौती देखने को मिली थी। जिसके बाद उस दिन पेट्रोल के दाम 74.07 रुपए प्रति लीटर से 73.57 रुपए प्रति लीटर हो गए थे। आज पेट्रोल के दाम में 48 पैसे प्रति लीटर की कटौती देखने को मिली है। जिसके बाद आज नई दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 72.63 रुपए प्रति लीटर से 72.15 रुपए प्रति लीटरा हो गए हैं। अगर बात बीते तीन दिनों की करें तो दिल्ली में चुनाव से पहले पेट्रोल 85 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है।
आखिर कैसे और क्यों की कटौती
दिल्ली से चुनाव से ठीक पहले इस तरह की कटौती जहां लोगों को काफी राहत दे रही है। वहीं दूसरी ओर कई तरह से सवाल भी खड़े कर रही है। इसका कारण है कि इंटरनेशनल लेवल पर ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम चरम पर होना। अगर बात मौजूदा समय की करें तो क्रूड ऑयल के दाम 71 डॉलर प्रति बैरल है। वहीं एक डॉलर की कीमत 70 रुपए के आसपास पहुंच चुकी है। जिसके और भी गिरने के आसार हैं। जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में आखिर ऑयल कंपनियों ने क्यों गिरावट का रुख दिखाया है वो समझ से परे हैं। वहीं जब 28 नवंबर को पेट्रोल के दाम में 50 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई थी। उस समय ब्रेंट क्रूड के दाम करीब 58 डॉलर प्रति बैरल था। जबकि रुपया 70 से नीचे था। ऐसे में पेट्ररेल के दाम में कटौती की स्थिति काफी बेहतर थी।
आखिर इससे पहले क्यों कम नहीं किए दाम
दूसरा सवाल ये है कि पेट्रोल के दाम में कटौती इससे पहले के चरणों में क्यों नहीं की गई? आंकड़ों पर बात करें तो 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान था। 10 अप्रैल को पेट्रोल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ था। 18 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान था, जबकि 17 अप्रैल को कोई बदलाव नहीं था। 23 अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान था, जबकि 22 अप्रैल को पेट्रोल के दाम कोई बदलाव देखने को नहीं मिला था। 29 अप्रैल को चौथे चरण का मतदान हुआ था। 28 अप्रैल को पेट्रोल के दाम कोई बदलाव देखने को नहीं मिला। वहीं 6 मई पांचवे चरण का मतदान था, जबकि 5 मई को मात्र 6 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई।
यूपी की 53 सीटो से दिल्ली की 7 सीटें प्यारी क्यों?
वहीं सवाल ये भी है कि बीते पांच चरणों के मतदान में यूपी की 80 सीटों में से 53 सीटों में मतदान हो चुका है। जहां करोड़ों लोगों ने वोट डाले। उस वक्त पेट्रोल के दाम में कटौती करने का विचार क्यों नहीं किया गया। जबकि दिल्ली की सात सीटों में मतदान से पहले पेट्रोल के दाम में बड़ी कटौती। नाम और पद ना प्रकाशित करने पर एक नेता ने बताया कि दिल्ली की सात सीटें जीतना काफी जरूरी इसलिए भी हैं क्योंकि यहीं से सरकार चलती है। वहीं दिल्ली के लोगों को सब्सिडी पसंद भी है। ऐसे में चुनाव से पेट्रोल के दाम में कटौती चुनाव को बदलने के लिए काफी है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एंजेल ब्रोकिंग कमोडिटीज एंड रिसर्च के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि वैसे यह कटौती आम लोगों को काफी राहत देगी। लेकिन कई तरह के सवाल हैं। पहली वेनेजुएला और ईरान पर प्रतिबंध हैं। भारत दोनों देशों से काफी मात्रा में क्रूड आयात करता था। वहीं ओपेक देशों ने क्रूड का प्रोडक्शन कम किया हुआ है। वहीं क्रूड के दाम 71 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं। वहीं रुपए की स्थिति भी ठीक नहीं है। ऐसे में इस तरह की इतनी बड़ी कटौती काफी अखर रही है।
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Updated on:
12 May 2019 07:17 am
Published on:
11 May 2019 03:48 pm
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