7 साल के उच्चतम स्तर से फिसली चांदी
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दोपहर 2 बजे चांदी के सितंबर वायदा अनुबंध में गुरुवार को पिछले सत्र से 347 रुपए की नरमी के साथ 52711 रुपए प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 53,199 रुपए प्रति किलो तक उछला, जोकि सितंबर 2013 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर। वहीं, सोने के अगस्त अनुबंध में पिछले सत्र से 156 रुपए की कमजोरी के साथ 49003 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 49245 रुपए तक उछला। एमसीएक्स पर सोने का भाव आठ जुलाई 2020 को 49348 रुपए प्रति 10 ग्राम तक उछला था जोकि रिकॉर्ड स्तर है। वहीं बात हाजिर बाजार की करें तो एक दिन पहले 24 कैरट शुद्धता का सोना 49250 रुपए प्रति 10 ग्राम चल रहा था। वहीं, चांदी का भाव 52,195 रुपए प्रति किलो चल रहा था।
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औद्योगिक मांग से बढ़ी चांदी की कीमत
इंडिया बुलियन एवं ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा कि चांदी औद्योगिक धातु है और लॉकडाउन खुलने से उद्योग में इसकी मांग बढऩे की उम्मीदों से कीमतों में तेजी दखी जा रही है। हालांकि उनका कहना है कि सोने का भाव ऊंचाई से थोड़ा टूटा है जो क्षणिक गिरावट है मगर आगे तेजी का रुख बना हुआ है।
अनुपात हो रहा है कम
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि 2013 में जब चांदी का भाव 50,000 रुपए त्रसे ऊपर उछला था तब सोना और चांदी के भाव का अनुपात घटकर 31 आ गया था जबकि इस साल मार्च में यह अनुपात ऐतिहासिक उंचाई 127 चल चला गया, लेकिन फिर अनुपात घटकर 96 के करीब आ गया है जो इस बात का संकेत है कि सोने के बजाय चांदी में निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है। चांदी में आई जोरदार तेजी की मुख्य वजहों में कोरोना के प्रकोप के चलते कीमती धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान है। वहीं, चांदी की औद्योगिक मांग भी हमेशा बनी रहती है।
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इस साल 10 फीसदी बढ़ी चांदी की डिमांड
केडिया ने बताया कि सिल्वर इंस्टीट्यूट के अनुसार 2020 की पहली छमाही में चांदी की निवेश मांग में 10 फीसदी इजाफा हुआ है और शुरूआती कमजोरी के बाद मई से इसकी औद्योगिक मांग बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि सिल्वर इंस्टीट्यूट का यह भी अनुमान है कि 2020 में चांदी की खदानों से आपूर्ति सात फीसदी कम होगी, खासतौर से तब जब औद्योगिक मांग सामान्य के आसपास रहेगी।
आभूषण में भी चांदी की मांग में तेजी
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट कमोडिटी एंड रिसर्च अनुज गुप्ता कहते हैं कि वैश्विक स्तर पर औद्योगिक मांग के साथ-साथ देश में आभूषण में भी चांदी की मांग इस बार तेज रह सकती है क्योंकि मानसून अच्छा है जिससे अच्छी पैदावार की उम्मीद की जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में आभूषणों की मांग को सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब कभी सोना महंगा होता है तो ग्रामीण इलाके में चांदी के आभूषणों की मांग बढ़ जाती है।