
Ambani
नई दिल्ली : देश के नाम चीन उद्योगपतियों में से एक अनिल अंबानी फिलहाल बुरे दौर से गुजर रहे हैं। Industrial & Commercial Bank of china फिलहाल अनिल अंबानी से $680 मिलियन की उगाही करना चाहता है। दरअसल बैंक जानना चाहता है कि उन्होने 2012 में रिलायंस कम्युनिकेशंस Ltd के लिए $ 925 मिलियन का लोन जुटाने के लिए किस तरह की पर्सनल गारंटी दी थी। अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस फिलहाल दिवालिया हो चुकी है, और अनिल पर्सनल गारंटी वाली बात से इंकार कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला-
इस पूरे मामले पर अनिल का कहना है कि उन्होने अपने कर्मचारियों को कर्जदाताओं जिसमें CBC, China Development Bank और Export-Import Bank of China शामिल हैं को सिर्फ एक एक गैर-बाध्यकारी "personal comfort letter" जारी करने का आदेश दिया था । उनका कहना है कि "personal comfort letter" के साथ छेड़छाड़ कर उसे पर्सनल गारंटी पेपर में तब्दील किया गया है।
वहीं इस केस की सुनवाई करने वाले लंदन के जज David Waksman का कहना है कि अंबानी के केस की खास बात ये है कि इसमें खुद अनिल अंबानी के पास इस बात का जवाब नहीं है कि आखिर कोई उनके साथ इस तरह की जालसाजी क्यों करेगा।अंबानी के वकील ने तर्क दिया था कि उनके मुवक्किल को कोई सुराग नहीं मिला' कि कैसे 2017 में RCom के डिफ़ॉल्ट होने तक बॉस के लिए व्यक्तिगत संपत्ति कैसे जोखिम में डाल दी गई थी।
अगले साल होना है ट्रायल-
अब इस केस का ट्रायल अगले साल होगा और तह इससे जुड़े और भी सवाल पूछे जा सकते हैं। वहीं अंबानी के वकील फिलहाल कोर्ट द्वारा बैंकों के आवेदन को खारिज करने के निर्णय पर फोकस कर रहे हैं। मिडिया रिपोर्ट्स की मानें तो " अंबानी ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष मजबूती से रखा है,और बिना किसी शर्त के जमा या भुगतान के कार्यवाही जारी रखते हुए उन्होने अपने बचाव के लिए कोर्ट से मोहलत मांगी है।
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पहले भी कानूनी-पचड़े में फंस चुके हैं छोटे अंबानी-
आपको मालूम हो कि ये दूसरी बार है जब अनिल अंबानी इस तरह के केस में फंसे हैं। इससे पहले इसी साल Ericsson AB केस में 80 मिलियन डॉलर केस में अनिल को तीन महीने की जेल होने वाली थी लेकिन ऐन टाइम पर मुकेश अंबानी ने बीच में आकर सेटलमेंट कराकर उन्हें जेल से बचाया था। Ericsson AB को 19 मार्च तक लोन न चुकाने की सूरत में उन्हें कोर्ट की अवमानना के आरोप में 3 महीने की जेल होने वाली थी।
अकेले नहीं है अंबानी-
आपको बता दें कि अन्य भारतीय कारोबारी परिवारों को अम्बानी के वाक्ये से सीख लेनी की जरूरत है । दरअसल भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्तार को देख कर कई कारोबारियों ने पर्सनल गारंटी पर लोन लिये थे । लेकिन अर्थव्यवस्था में आई अचानक मंदी से लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है। रुइया परिवार ने हाल ही में 10 मिलियन टन का आर्सेलर मित्तल प्लांट खो दिया है।
इंग्लिश कोर्ट का कहना है कि अंहानी को अपनी निर्दोषता सबित करने के लिए वक्त दिया जाएगा लेकिन फिर भी इस बात के चांसेज कम है कि रिलायंस कम्यूनिकेशंस की मीटिंग्स में क्या हो रहा है इससे उनकी अनभिज्ञता सिद्ध हो सके । खासतौर पर जब कंपनी भारी वित्तीय संकट से जूझ रही हो।
Updated on:
18 Dec 2019 02:51 pm
Published on:
18 Dec 2019 02:49 pm
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