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लोकतंत्र का स्वर्णिम दिन, अनुच्छेद 370 हटने से मुख्यधारा से जुड़ेगा कश्मीर: श्रीकांत शर्मा

श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आज का दिन किसी भी लोकतांत्रिक परंपरा का निर्वहन करने वाले देश के लिए स्वर्णिम है। आज कश्मीरियों को पाकिस्तानपरस्त मुफ़्ती Mehbooba Mufti, अब्दुल्ला Omar Abdullah और कांग्रेस Congress परिवार से आजादी भी मिली है।

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मथुरा

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Amit Sharma

Aug 05, 2019

Shrikant Sharma

लोकतंत्र का स्वर्णिम दिन, अनुच्छेद 370 हटने से मुख्यधारा से जुड़ेगा कश्मीर: श्रीकांत शर्मा

मथुरा। जम्मू एवं कश्मीर में Article370 के उपबंधों को हटाकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी Narendra Modi व गृह मंत्री अमित भाई शाह Amit Shah की अगुवाई वाली भाजपा Bharatiya Janata Party (BJP) सरकार ने देशवासियों से किये गए अपने संकल्प को पूरा किया है। सच्चे अर्थों में यह एक देश, एक विधान और एक प्रधान की बात करने वाले हमारे प्रणेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रति भी हमारी श्रद्धांजलि है। यह कहना है प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा का।

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श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आज का दिन किसी भी लोकतांत्रिक परंपरा का निर्वहन करने वाले देश के लिए स्वर्णिम है। आज कश्मीरियों को पाकिस्तानपरस्त मुफ़्ती Mehbooba Mufti, अब्दुल्ला Omar Abdullah और कांग्रेस Congress परिवार से आजादी भी मिली है। कश्मीर में नेहरू और इन परिवारों के गठजोड़ का भुगतान हजारों कश्मीरी पंडितों ने जान गवांकर, घर-बार छोड़कर किया। वास्तव में यह अनुच्छेद कश्मीर में इन्हीं लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए लागू किया गया था।

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ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने फेसबुक पर लिखा है कि आम्बेडकर (Dr BR Ambedkar), सरदार पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) यहां तक कि संविधान सभा में कश्मीर के 4 सदस्यों ने देश का संविधान बनाते समय भी कभी इसका जिक्र नहीं किया। धारा 370 को जोड़ने से वहां के स्थानीय लोग देश से कट गए, महिलाओं के अधिकार छिन गए, देश के अन्य क्षेत्रों के निवासी भी इससे दूर कर दिए गए। यहां तक कि सफाई के काम के लिए यहां लाये गए वाल्मीकि समुदाय के लोग भी सफाई के अलावा दूसरा पेशा नहीं चुन सकते थे।

अब मिली है असली आजादी
श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि सच्चे अर्थों में आज जम्मू एवं कश्मीर (jammu and Kashmir) तथा लद्दाख (laddak) के लोगों के लिए 370 की समाप्ति किसी आजादी से कम नहीं है। राज्य पुनर्गठन के बाद केंद्र शासित राज्य के रूप में यह देश की मुख्यधारा से तो जुड़ेंगे ही, देश के अन्य क्षेत्रों के लोग भी यहां से अपना जुड़ाव महसूस करेंगे। संसद में बिल का समर्थन करने वाले दल इसलिए भी धन्यवाद के पात्र हैं क्योंकि उन्होंने देश की एकता और अखंडता की रक्षा के विषय को अपने एजेंडे में प्रमुखता दी