यह भी पढ़ें– मकान में शार्ट सर्किट से लगी आग, दम घुटने से एक महिला की मौत मधुमक्खियों का जीवन चक्र, व्यवहार, खान पान इत्यादि का गहराई से अध्ययन करके ही मधुमक्खी पालन को लाभदायक बनाया जा सकता है। उन्नत तकनीकों को खेतों में अपनाकर कृषि के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। सरसों का उत्पादन ब-सजयाने में उन्नत किस्मों के चयन के साथ-साथ समय पर सही शस्य क्रियाओं को करने का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। वर्तमान में कृषि जोत एवं संसाधन लगातार घटते जा रहे हैं और किसानों के सामने आय के विकल्प सीमित हो रहे हैं। इसलिए किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि आधारित वैकल्पिक व्यवसाय अपनाने होगें तभी खेती लाभदायक होगी।
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इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिक डा.अशोक शर्मा ने कहा कि वैज्ञानिक खेती की अनुशंसित तकनीकों को अच्छी तरह समझ कर उनका उपयोग करना चाहिए। किसानों को सरसों की खेती वैज्ञानिक तरीके से करके अपना उत्पादन बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शस्य फसलों के साथ साथ बागवानी, उद्यानकी एवं पशुपालन को भी अपनायें ताकि अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो जिससे खेती की जोखिम कम होगी। विकसित वैज्ञानिक किस्मों एवं तकनीकों को किसानों तक पहुंचाना पहली प्राथमिकता है। मधुमक्खी पालन छोटे कृषक एवं भूमिहीन लोग भी कर सकते हैं क्योंकि इसके लिए कोई क्षेत्र विशेष की आवश्यकता नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन को किसानों या युवाओं को समूह बनाकर करना चाहिये ताकि इसके प्रबंधन में आसानी हो।
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प्रशिक्षण में किसानों को मधुमक्खी पालन का इतिहास, विकास, प्रारम्भ एवं प्रबन्धन मधुमक्खी का सामाजिक जीवन चक्र, पहचान एवं जीवन इतिहास मधुमक्खी पालन हेतु आवश्यक सामान मधुमक्खियों द्वारा परागीकरणः मकरंद एवं पराग स्त्रोत मधुमक्खी के रोग एवं शत्रु कीट दैनिक जीवन में शहद की उपयोगिता एवं व्यावसायिक मधुमक्खी पालन रानी मक्खी का पालन मधुमक्खी के मोम एवं की उपयोगिता एवं मधुमक्खियों पर कीटनाशी रसायनों का कुप्रभाव मधुमक्खी पालन रूची समूह का गठन, मधुमक्खी पालकों के लिए योजनाएं, सरसों उत्पादन बढ़ाने की रणनीति, सरसो उत्पादन की उन्नत शस्य क्रियायें आदि विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया। आत्मा परियोजना के अर्न्तगत सरसों अनुसंधान निदेशालय द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘मधुमक्खी पालन एवं सरसों की वैज्ञानिक खेती‘‘ पर आयोजित किया गया था। डा.अशोक कुमार शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन किया।