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मथुरा: सड़क किनारे चल रहा काले तेल का कारोबार, प्रशासन बेखबर

कई माह से चल रहे इस काले तेल के खेल पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ी है।  

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मथुरा

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Amit Sharma

Jul 23, 2018

Black Oil

मथुरा: सड़क किनारे चल रहा काले तेल का कारोबार, प्रशासन बेखबर

मथुरा। कोतवाली छाता के गांव अकबरपुर में हाईवे किनारे इलाका पुलिस के संरक्षण में काले तेल का कारोबार बेखौफ चल रहा है जबकि वृन्दावन कोतवाली व छाता कोतवाली क्षेत्र दोनों की पुलिस पिकट ड्यूटी छाता कोतवाली व वृन्दवन कोतवाली के बॉर्डर पर रहती है। कई माह से चल रहे इस काले तेल के खेल पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ी है।

ये है मामला

स्थानीय लोगों का कहना है कि काले तेल के इस खेल की जानकारी पुलिसकर्मीयों के साथ साथ क्षेत्र के अधिकारीयों को भी है। इसीलिये काले तेल के इस कारोबार पर रोक नहीं लगाई जा रही है। रविवार की सुबह ग्यारह बजे पीआरवी 100 की गाड़ी 1880 अपने पोइंट पर ड्यूटी पर आई तो पीआरवी पर तैनात एसआई इन्दल सिह, कांस्टेबल अजीत लोर, होमगार्ड नरेन्द्र सिंह ने एक टैंकर को हाईवे से नीचे उतरते हुए देखा। पीआरवी की टीम ने कुछ देर बाद टैंकर के पास जाकर देखा तो पाया कि दो लोग टेंकर में भरे काले तेल को ड्रमों में खाली कर रहे थे। पुलिसकर्मियों को देखकर उनके हाथ पार फूल गये। पुलिस ने जब कड़ीई से पूछताछ की तो उन्होंने अपना नाम हरीश व ओमप्रकाश बताया। उन्होंंने बताया कि वे काले तेल के इस टैंकर को भटिन्‌डा से बदायूं ले जा रहे थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि यहां वे मदन चौधरी छाता व विवके सेठ पंजाबी मथुरा के लिये काले तेल को टैंकर में से निकाल कर ड्रमों में खाली कर रहे थे। यहां से ड्रमों में भरकर डीसीएम से तेल को छाता ले जाते थे। अकबरपुर में यह काम पिछले छह महीने से चल रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि काले तेल का कारोबार यहां दिन रात चलता है। दिन में भी यहां टैंकर काला तेल खलाते थे। आज पीआरवी 1880 की गाड़ी ने दो लोगों को तेल खलाते हुए पकड़ लिया। मौके पर कोतवाली प्रभारी प्रमोद पवार अकरबरपुर हलका प्रभारी राजवीर सिंह व कांस्टेबल सोनवीर के साथ मौके पर पहुच गये। पुलिस दोनों लोगों को पकड़ कर अपने साथ कोतवाली ले आयी। जिसमें से ओमप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने अपनी कार्रवाई की इतिश्री कर ली। पुलिस की इस कार्रवाई से साफ दिख रहा है कि पुलिस काले तेल के आकाओं पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती। दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब दो लोग तेल खलाते हुए पकडे़ गये थे तो पुलिस ने उस एक व्यक्ति को क्यों छोड़ दिया। जो इस बात को साबित करता हैं कि इस काले तेल के कारोबारियों के सम्पर्क पुलिस के आला अधिकारियों के साथ साथ राजनेताओं से भी हैं।

काले तेल के कारोबारियों का बड़ा केन्द्र रहा है छाता

काले तेल के खेल का सबसे बड़ा मैदान रहा है कोतवाली क्षेत्र छाता। आज से छह वर्ष पूर्व काले तेल का काम बसपा पार्टी के राजनेताओं के इशारे पर बडे़ पैमाने पर होता था। काले तेल का यह खेल चोरी छुपे चल रहा है और पुलिस के अधिकारियों को काले तेल के कारोबार के बारे में पता भी है तो कुछ कार्रवाई नहीं होती क्योंकि काले तेल के माफियाओं से उनके संबंध हैं और मोटा पैसा उनके लिए जाता है।