
Tirupati Prasad Controversy: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर उठे विवाद के बाद ब्रज के मथुरा समेत अन्य जिलों में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग सक्रिय हो गया है। ऐसे में मंदिरों के बाहर बिकने वाले ‘प्रसाद’ की जांच के लिए रणनीति बनाई जा रही है। जांच में पाया गया कि पिछले एक साल में वृंदावन की दुकानों से लिए ‘प्रसाद’ के नमूनों में 40 फीसदी फेल पाए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मथुरा में सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रमुख मंदिरों के आसपास दुकानों से लिए नमूने जांच में अधोमानक मिलने के बाद वाद दायर किया गया है। दूसरी ओर, आगरा के प्रमुख शिव मंदिरों के बाहर बिकने वाले ‘प्रसाद’ की गुणवत्ता पर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। इसे लेकर प्रशासन से भी शिकायत की जा चुकी है।
फिरोजाबाद के राजराजेश्वरी मंदिर के बाहर भी मावा बताकर सूजी का मिल्क केक श्रद्धालुओं को थमा दिया जाता है। मैनपुरी में भी प्रसाद के नाम पर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी होने दावा किया जा रहा है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ (CALF) ने बताया कि जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार घी में प्रसादम के लड्डुओं बनाए जा रहे हैं। इस मामले की जांच के लिए हिंदू सेवा समिति नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और एसआईटी गठित करने की मांग की है।
Published on:
22 Sept 2024 01:14 pm
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