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संत प्रेमानंद महाराज के चौखट पर पहुंचे 9 आईएएस अधिकारी, पूछे गए सवालों का मिला जवाब, पढ़ाया कर्तव्य का पाठ

Nine IAS officers visited Saint Premanand Maharaj ashram नौ आईएएस अधिकारी पोस्टिंग के पहले संत प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे, जहां उन्हें उनके सवालों का जवाब मिला। ‌सभी आईएएस अधिकारी पिछले चार दिनों से मथुरा में प्रशासनिक व्यवस्थाओं की ट्रेनिंग ले रहे थे।

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संत प्रेमानंद महाराज और ट्रेनी आईएएस अधिकारी (फोटो सोर्स- 'X' bhajan Marg)

फोटो सोर्स- 'X' bhajan Marg

Saint Premanand Maharaj संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अभी तक दो बातें निकल कर सामने आई हैं कि प्रलोभन और भय हमें पद से गिरा देती हैं। कर्तव्य के पालन के दौरान प्रलोभन में आकर कर्तव्य रहित काम न करें। भय और प्रलोभन से रहित कर्तव्य का पालन करें तो यही भक्ति बन जाएगी। इस मौके पर संत प्रेमानंद महाराज ने महाभारत का उदाहरण दिया। जिसमें श्री कृष्ण ने युद्ध के दौरान अर्जुन को युद्ध करने का उपदेश दिया। सभी ट्रेनी आईएएस अधिकारी पोस्टिंग के पहले संत प्रेमानंद महाराज जी से आशीर्वाद लेने आए थे। जिनका सवाल था कि अभी हम सेवा की शुरुआत कर रहे हैं। किन बातों का ध्यान रखें कि हम भारत सरकार की अच्छे से सेवा कर सकें?

नौ ट्रेनी अफसर पहुंचे मथुरा

उत्तर प्रदेश के मथुरा में नौ ट्रेनिंग अफसरों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। पोस्टिंग के पहले की यह प्रक्रिया ट्रेनिंग का ही हिस्सा है। दौरे के अंतिम दिन सभी ट्रेनिंग आईएएस अधिकारी संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में पहुंचे और उन्होंने सवाल किया कि किस तरह से लोगों की सेवा की जाए।


संत प्रेमानंद महाराज ने दिया जवाब


ट्रेनिंग आईएएस अधिकारियों के सवाल पर संत प्रेमानंद महाराज ने खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कर्तव्य रहित कार्य नहीं करना चाहिए। भय और प्रलोभन में नहीं आना चाहिए। भय और प्रलोभन के बिना अपने कर्तव्यों का पालन करें। यही धर्म बन जाएगा। उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए बताया कि महाभारत के दौरान अर्जुन का कर्तव्य युद्ध था।

महाभारत में भगवान श्री कृष्णा ने युद्ध का उपदेश दिया

भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया और अर्जुन को युद्ध में लगाया। यहां भगवान का तात्पर्य है कि तुम्हें जो पद और कार्य मिला है, उसे भय और प्रलोभन के बिना करो। उसके विरुद्ध आचरण न करें। प्रलोभन में आकर हम दोषी को छोड़ देते हैं और निर्दोष को सजा देते हैं। इस प्रकार के कार्य धर्म रहित हैं। कोई जाने या ना जाने भगवान सब कुछ जान रहा है। वह सर्वज्ञ है।

पद का दुरुपयोग कर धन अर्जित कर रहें

संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि आज जो इस बात को नहीं समझ रहे हैं, वे पद का प्रयोग अधिक से अधिक धन अर्जित करना और भोग की सामग्री इकट्ठा करने के लिए कर रहे हैं, चाहे वह धर्म से हो या अधर्म से। ऐसी बुद्धि न रखी जाए और धर्म पर चलकर अगर नमक रोटी खाने को मिले, साधारण वेशभूषा में रहें, तो हम राष्ट्र की सेवा में हैं और हम अपने भगवान की सेवा कर रहे हैं क्योंकि भगवान की पूरी सृष्टि है और नाम जप कर रहे हैं तो हमें सदा उन्नति मिलेगी। इसके पहले ट्रेनी आईएएस अधिकारियों ने प्रशासन की कार्य प्रणाली और चुनौतियों को समझा‌। बांके बिहारी मंदिर के दर्शन किए।


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