
मथुरा। दक्षिणाचंल विद्युत वितरण निगम (DVVN) के जूनियर इंजीनियर ने विधवा महिला से रिश्वत ली। निगम ने उसे निलंबित कर दिया। इस बात को दो दिन भी नहीं बीते थे कि मामला फिर से पूरी तरह पलट गया है। रिश्वत का पैसा वापस मिलने के बाद विधवा महिला ने शपथपत्र दिया है कि उससे अवर अभियंता द्वारा कोई रिश्वत नहीं ली गई है। उसने कनेक्शन के लिए एक भी रुपया रिश्वत के रूप में नहीं दिया है। जबकि इससे पहले आरोपी इंजीनियर ने भरी सभा में रिश्वत लिया जाना स्वीकार किया था।
ये था पूरा मामला
विकासखंड नौहझील के कस्बा बाजना के बृजनगर निवासी नर्मदा को नलकूप का कनेक्शन लेना था। नर्मदा का आरोप था कि विभाग के जूनियर इंजीनियर सचिन कुमार और लाइनमैन ने एस्टीमेट बनाने और कनेक्शन करने के नाम पर उससे 85 हजार लिए थे, जबकि सिर्फ 27 हजार रुपए की रसीद दी गई। रुपये देने के बाद भी जब महिला की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो महिला ने भारतीय किसान यूनियन टिकैत से बात की। भाकियू ने विद्युत अधिकारियों की कार्यशैली के विरोध में विद्युत उपकेंद्र बाजना पर धरना प्रदर्शन किया था। इससे विभागीय अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे थे। यहीं आरोपी जेई सचिन कुमार ने धरनास्थल पर ही रिश्वत लिया जाना स्वीकार किया और बाकी रुपये भी महिला को वापस कर दिए। रिश्वत लिया जाना स्वीकार करने पर विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता अजय गर्ग ने अवर अभियंता सचिन कुमार को गत दिवस निलंबित कर दिया।
महिला पलटी बयान से
जेई द्वारा महिला को पैसा वापस करने और जेई के निलंबित होते ही अब महिला अपने पुराने बयान से पलट गई है। विधवा महिला ने गत दिवस एक शपथ पत्र बनवाकर जेई द्वारा रिश्वत लिए जाने से इनकार कर दिया। यह शपथ पत्र विद्युत वितरण खंड मांट के अधिशासी अभियंता को सौंपा गया है। शपथ पत्र में दिए गए बयान में महिला ने कहा है कि उसने कनेक्शन के लिए निर्धारित धनराशि ही दी है। इसके अतिरिक्त उसने एक भी रुपया किसी भी विद्युत विभाग के कर्मचारी को नहीं दिया है। महिला द्वारा शपथ पत्र दिए जाते ही पूरा मामला पलट गया है। विभाग भी इस पूरे मामले को समझने की कोशिश कर रहा है। वहीं भाकियू टिकैत के पदाधिकारी अजय सरपंच ने बताया कि उनके द्वारा दिए गए धरने के बाद आरोपी जेई ने सबके सामने 56 हजार रुपए लौटाए थे। अब महिला विद्युत विभाग को क्या शपथ पत्र दे रही है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं हैं। पूर्व ब्लॉक प्रमुख ललित चौधरी ने कहा कि महिला द्वारा शपथ पत्र दिए जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वह जानकारी मिलने पर ही कुछ कह सकेंगे।
विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार का यह पहला मामला नहीं
विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, एक किसान से पैसे लेकर भी काम नहीं करने के एवज में विभागीय कर्मचारियों पर कार्यवाही हाल ही में हुई है। पैसे देने वाले किसान ने बाकायदा इसका वीडियो बना लिया था तब कहीं जाकर कार्रवाई हुई और पैसे वापस हुए।
इन सवालों का जबाव कौन देगा
-जब जेई ने रिश्वत ली ही नहीं तो पंचायत में 56 हजार रुपये वापस क्यों किये।
-जेई निर्दोष था तो बिना हकीकत जाने आलाअधिकारी ने उसे निलंबित क्यों किया।
-महिला पहले झूठ बोल रही थी कि अब झूठ बोल रही है।
-महिला का शपथ पत्र सही है तो महिला के खिलाफ के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा विभाग।
-महिला के आरोप सही थे तो किस के दबाव में दिया है शपथपत्र।
-जेई को निर्दोष साबित करने के लिए विभाग को महिला के शपथपत्र जरूरत क्यों पड़ी।
Published on:
06 Aug 2019 12:20 pm
बड़ी खबरें
View Allमथुरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
